कानपुर: सीबीआई जांच के चक्कर में नहीं मिल रही कानपुर मेट्रो को बीआईसी की जमीन
कानपुर। ब्रिटिश कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (बीआईसी) की जमीनों के सौदे में हुए भ्रष्टाचार की चल रही जांच भूमिगत मेट्रो के कार्यों में बाधा बन गई है। बीआईसी की संपत्तियों की सीबीआई जांच की वजह से मेट्रो को जमीन नहीं मिल पा रही है। नतीजन तीन महीने से चुन्नीगंज में मेट्रो का काम बंद है। चुन्नीगंज …
कानपुर। ब्रिटिश कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (बीआईसी) की जमीनों के सौदे में हुए भ्रष्टाचार की चल रही जांच भूमिगत मेट्रो के कार्यों में बाधा बन गई है। बीआईसी की संपत्तियों की सीबीआई जांच की वजह से मेट्रो को जमीन नहीं मिल पा रही है। नतीजन तीन महीने से चुन्नीगंज में मेट्रो का काम बंद है। चुन्नीगंज मेट्रो स्टेशन का एक रैंप बीएनएसडी स्कूल के सामने लाल इमली की जमीन पर बनाया जाना है। दूसरी ओर रैंप के लिए जगह नहीं है।
रोड साइड से लाल इमली की साइड बनने वाले रैंप के जरिए लोग चुन्नीगंज स्टेशन के प्लेटफॉर्म तक पहुंचेंगे। यहां लाल इमली के कुछ सर्वेंट क्वार्टर बने हुए हैं। सभी क्वार्टर जर्जर हो चुके हैं। इसके दाहिने ओर लाल इमली की जमीन पर मेट्रो की भूमिगत इंसीलरी बिल्डिंग बनाई जानी है। इस जमीन के लिए शासन स्तर से केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय को पत्र भेजा गया था, लेकिन एनओसी नहीं मिली।
महीनों की दौड़ के बाद अब शासन और गृह मंत्रालय के बीच बातचीत शुरू हो गई है। हालांकि वहां से भी कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं। जमीन नहीं मिली तो चुन्नीगंज मेट्रो स्टेशन का रैंप बड़ी बाधा बनेगा। इस मामले में बीआईसी ने साफ कर दिया है कि अभी सभी जमीनों को लेकर सीबीआई की जांच चल रही है इसलिए जमीन की एनओसी नहीं दी जा सकती है। केंद्र चाहे तो अपने स्तर से जमीन पर निर्माण की अनुमति दे सकता है।
इंसीलरी बिल्डिंग से जानी है हवा
कानपुर मेट्रो के लिए कूलेंट का प्लांट इंसीलरी बिल्डिंग में लगाया जाना है। वातानुकूलित सिस्टम को सप्लाई यहीं से की जाने की योजना है। अंडरग्राउंड ट्रैक में यहीं से हवा भी जाएगी। इसके अलावा इसी बिल्डिंग में जेनरेटर भी रखा जाएगा, जिससे भूमिगत मेट्रो को बिजली की सप्लाई की जाएगी। समस्या इंसीलरी बिल्डिंग की ज्यादा नहीं है इसका निर्माण मेट्रो कहीं और भी करा सकता है, लेकिन खर्च काफी बढ़ जाएगा। मगर चुन्नीगंज स्टेशन का रैंप कहीं और बन ही नहीं सकता। यानि सबसे बड़ी दिक्कत रैंप की है। स्टेशन का निर्माण चुन्नीगंज फायर सर्विस से बस स्टेशन के नीचे तक होना है।
कानपुर कमिश्नर के माध्यम से शासन स्तर पर शुरू हुई वार्ता अब गृहमंत्रालय स्तर पर हो रही है। ज्यादा से ज्यादा डेढ़ महीने में एनओसी मिल जाएगी। इसके बाद काम शुरू कर दिया जाएगा…पंचानन मिश्रा, डीजीएम पीआर यूपीएमआरसी।
