कानपुर में होली की तैयारी शुरू, बाजार में मोदी व डोरेमोन पिचकारी बढ़ी मांग
कानपुर। होली पर्व में अब कुछ दिन शेष रह गए हैं। घरों में त्योहार की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। चिप्स पापड़ नमकीन व गुझिया बनाने के लिए सामान की खरीद के लिए बाजारों चहल-पहल दिखने लगी है। बाजारों में तरह-तरह की पिचकारियां बिकनी शुरू हो गई हैं। इस बार होली में युवा रंगों के …
कानपुर। होली पर्व में अब कुछ दिन शेष रह गए हैं। घरों में त्योहार की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। चिप्स पापड़ नमकीन व गुझिया बनाने के लिए सामान की खरीद के लिए बाजारों चहल-पहल दिखने लगी है। बाजारों में तरह-तरह की पिचकारियां बिकनी शुरू हो गई हैं। इस बार होली में युवा रंगों के चयन को लेकर विशेष सतर्कता बरत रहे हैं।
रंग एकादशी के साथ ही फिजा में रंग भी उड़ने लगेंगे। साथ ही होली का हुड़दंग शुरू हो जाएगा। बाजार में बेनटेन, डोरीमॉन व छोटा भीम के साथ मोदी पिचकारी की धूम है। मोदी पिचकारी की बाजार में काफी डिमांड है। गुलाल बम लोगों को खासे पसंद आ रहे हैं।
हर्बल रंग का करें प्रयोग
नेत्र रोग विशेषज्ञों के नुसार होली पर हर्बल रंग का प्रयोग करें। मिलावटी व रासायनिक रंगों के प्रयोग से बचें। ये रंग आंखों की पुतली में जख्म बना देते हैं। इससे आंखों की रोशनी कम हो सकती है। सावधानी नहीं बरतने पर आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
गुब्बारों की मार भी खतरनाक
गुब्बारों की सिर पर मार भी खतरनाक होती है। रासायनिक रंगों से त्वचा में जलन हो सकती है। स्किन पर लाल दाने पड़ सकते हैं। इसके अलावा एलर्जी, स्किन कैंसर आदि का खतरा भी बढ़ जाता है। हरे रंग में कापर सल्फेट, काले रंग में लेड ऑक्साइड, सिल्वर में एल्युमीनियम ब्रामाइड, लाल रंग में मरकरी सल्फेट पाया जाता है। यह काफी खतरनाक है।
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