यूपी चुनाव 2022: डिंपल यादव की मौजूदगी बनी सपा प्रत्याशियों के लिए संजीवनी

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

लखनऊ। विधानसभा चुनाव में सपा की स्टार प्रचारक डिंपल यादव का जलवा कायम रहा। उन्होंने कुल पांच सीटों पर प्रचार किया। इसमें एक सीट को छोड़कर सभी प्रत्याशियों ने विजय पताका फहरायी। पार्टी के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि सिराथू सीट को माना जाता है। इस सीट से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य चुनाव मैदान में …

लखनऊ। विधानसभा चुनाव में सपा की स्टार प्रचारक डिंपल यादव का जलवा कायम रहा। उन्होंने कुल पांच सीटों पर प्रचार किया। इसमें एक सीट को छोड़कर सभी प्रत्याशियों ने विजय पताका फहरायी। पार्टी के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि सिराथू सीट को माना जाता है। इस सीट से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य चुनाव मैदान में थे, जिन्हें सपा की पल्लवी पटेल ने हराया। इसके अलावा जो एक सीट नहीं जीत सकें, उसमें भी मात्र 1206 वोट से भाजपा गठबंधन प्रत्याशी की जीत हुई है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी और पूर्व सांसद डिंपल यादव कौशांबी और जौनपुर में जनसभा की थी। इसमें उन्होंने सिराथू सीट पर सपा उम्‍मीदवार और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन पल्‍लवी पटेल का प्रचार किया था। यहां पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वस्त्र पर तंज कसा था, जिसकी राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा हुई। कह सकते हैं कि चुनाव में जहां-जहां उन्होंने प्रचार किया 80 फीसदी सीटें सपा को ही मिली।

इसके बाद उन्होंने चायल सीट पर कड़े मुकाबले के बाद साइकिल ही चली। कौशांबी की ही चायल में पार्टी प्रत्याशी पूजा पाल के समर्थन में सभा की। पूजा पाल पूर्व विधायक राजू पाल की पत्नी हैं। उनकी हत्या वर्ष 2005 में हुई थी। यहां पूजा का मुकाबला अपना दल (एस) के नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल से था। यहां पर पूजा ने जीत दर्ज कराई। मंझनपुर में डिंपल यादव ने मात्र एक जनसभा की थी।

इस सीट पर सपा प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज थे और उनके खिलाफ भाजपा की ओर से लाल बहादुर चुनावी मैदान में थे। माना जा रहा है कि मात्र एक ही जनसभा ने सपा के पक्ष में माहौल तैयार किया और भारी मतों से इंद्रजीत की जीत हुई। मछलीशहर में डॉक्टर रागिनी के पक्ष में रैली की थी। इस रैली में काफी संख्या में लोग पहुंचे और उन्होंने डॉ. रागिनी को वोट भी दिया।

मड़ियाहू में नहीं चली साइकिल

जौनपुर की मड़ियाहू सीट से सपा प्रत्याशी सुषमा पटेल चुनाव लड़ रही थी। उनके खिलाफ भाजपा के घटक दल अपना दल (एस) के प्रत्याशी डॉ. आरके पटेल मैदान में थे। इस पर भी डिंपल ने जनसभा की लेकिन यहां पर जीत नहीं मिल पाई। फिर भी सुषमा ने कड़ी टक्कर दी और मात्र 1206 वोटों से हारी।

यह भी पढ़ें:-उत्तराखंड: भाजपा के वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को मिली अहम जिम्मेदारी, बने प्रोटेम स्पीकर

संबंधित समाचार