World Sparrow Day 2022: जौनपुर में मनाया गया विश्व गौरैया दिवस

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जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में विश्व गौरैया दिवस के मौके पर रविवार को घर आंगन की शान छोटे पंक्षी गौरैया के संरक्षण की वकालत की गयी। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज मिश्र ने कहा है कि गौरैया का जीवन मानव जीवन को प्रेरणा देता है …

जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में विश्व गौरैया दिवस के मौके पर रविवार को घर आंगन की शान छोटे पंक्षी गौरैया के संरक्षण की वकालत की गयी। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज मिश्र ने कहा है कि गौरैया का जीवन मानव जीवन को प्रेरणा देता है कि किस प्रकार से प्रसन्न भाव से परिवार ,समाज व् राष्ट्र की सेवा करें।

घरों में चहकने और फुदकने वाली गौरैया आज लुप्तप्राय हो गयी है , हमे इसे बचाने और इसकी संख्या बढ़ाने के लिए आगे आना होगा। डॉ. मिश्र ने अपने गांव तेलीतारा स्थित आवास पर आयोजित गौरैया दिवस पर संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुये कहा कि घर-घर में फुदक-फुदक कर चहकने वाली गौरैया संरक्षण के प्रति लोगों का जागरूक करना होगा।

शहरीकरण तथा लोगो की जीवनशैली में बदलाव के कारण घर-घर में, गांवों तथा छतों पर चहकने वाली गौरैया की संख्या में कुछ सालों में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि पहले घरों में रौशनदान, अटारी, टीन की छतें आदि बनाई जाती थी, जिनमें गौरैया अपना घोसला बनाती थी। जीवनशैली में बदलाव के कारण यह प्रजाति विलुप्त होती जा रही है।

शहरों के बाहर खुले स्थल, बाग-बगीचों का कम होना एवं बढ़ती आबादी, शहरीकरण तथा वाहन प्रदूषण के कारण गौरैया की संख्या में कमी होती जा रही है। विज्ञान लेखक एवं सचिव भारतीय विज्ञान कथा लेखन समिति डॉ अरविंद मिश्र ने कहा कि प्रकृति की अनमोल धरोहर गौरैया को बचाने के लिए घोसलों की व्यवस्था करनी होगी ,तभी यह पंक्षी पुनः घर, आंगन व छतों पर चहचहाती दिखाई पड़ेंगी।

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