लखनऊ: मंडी परिषद के निदेशक से मिले व्यापारी, मैनुअल व ऑनलाइन दोनों व्यवस्थाओं को जारी रखने की उठाई मांग

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लखनऊ। राजधानी के मंडी क्षेत्र में व्यापारियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है,उस पर आये दिन लागू होने वाले नियम गल्ला, दलहन, तिलहन, गुड़ व किराना का व्यापार करने वाले व्यवसायियों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। इन्हीं सब बातों से निजात पाने के लिए मंगलवार को …

लखनऊ। राजधानी के मंडी क्षेत्र में व्यापारियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है,उस पर आये दिन लागू होने वाले नियम गल्ला, दलहन, तिलहन, गुड़ व किराना का व्यापार करने वाले व्यवसायियों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। इन्हीं सब बातों से निजात पाने के लिए मंगलवार को लखनऊ व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के निदेशक मिला।

इस दौरान प्रतिनिधिमंउल ने 9 सूत्रीय ज्ञापन भी सौंपा। लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार अग्रवाल ने कहा कि जब अप्रैल से ई-9 आर की व्यवस्था लागू होने जा रही है,तो व्यापारियों के लिए गेट पास की जरूरत खत्म कर देनी चाहिए,उसके बाद भी गेट पास की जरूरत बतायी जा रही,इसके अलावा 9 आर गेट पास जारी करने के दौरान यदि मानवीय त्रुटि हो जाती है, तो उसके स्वत: संशोधन का कोई विकल्प मौजूद नहीं है।

वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्र ने बताया कि दिसंबर,जनवरी-फरवरी में जिन व्यापारियों ने अग्रिम मंडी शुल्क जमा कर दिया है और उस का 6 आर वा 7 आर स्वात: ऑनलाइन नहीं काटा है,इसी बीच यदि माल भी मंगाया गया है और उसकी प्रवेश पर्ची नहीं कटाई गयी है,ऐसी स्थिति में व्यापारी द्वारा जमा कराया गया एडवांस मंडी शुल्क समायोजित नहीं किया जा रहा है। उनहोंने बताया कि प्रदेश में अनाज के बहुत छोटे छोटे व्यापारी हैं तथा संसाधनों एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी का अभाव है,ऐसे में मैनुअल वा ऑनलाइन दोनों व्यवस्थाओं को जारी रखा जाना बेहद जरूरी है ।

व्यापारियों की यह रही मांगें

  1. 9 आर व गेटपास मंडी समिति ने मेनुअल जारी करना बंद कर दिया है।
  2. ऑनलाइन व्यवस्था के लिए अभी तक व्यपारियों का पूर्व का अवशेष स्टॉक अपलोड नहीं किया गया है। इसे अपलोड करवाने में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
  3. क्रेता, व्यापारी का लाइसेंस नंबर नहीं लिखने पर गेटपास नहीं जारी होता है।
  4. 9 आर व गेटपास जारी करने के दौरान किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर इसके स्वतः संशोधन का कोई विकल्प नहीं है।

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