बरेली: डेलापीर चौराहे पर चला बुलडोजर, 25 करोड़ की जमीन कब्जा मुक्त कराई

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

अमृत विचार, बरेली। नगर निगम ने दो साल में तीसरी बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के पाश इलाके में शुमार डेलापीर चौराहे पर 1500 वर्ग मीटर जमीन पर कब्जा हासिल किया। इस भूमि पर बाहरी लोग कब्जा जमाए थे। यहां रेता बजरी का कारोबार चल रहा था। नगर मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की मौजूदगी में …

अमृत विचार, बरेली। नगर निगम ने दो साल में तीसरी बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के पाश इलाके में शुमार डेलापीर चौराहे पर 1500 वर्ग मीटर जमीन पर कब्जा हासिल किया। इस भूमि पर बाहरी लोग कब्जा जमाए थे। यहां रेता बजरी का कारोबार चल रहा था। नगर मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की मौजूदगी में निगम की प्रवर्तन टीम ने अपर नगर आयुक्त द्वितीय के निर्देशन में जमीन को कब्जा मुक्त कराया। कब्जा मुक्त कराई 1500 वर्ग मीटर भूमि की कीमत लगभग 25 करोड़ बताई जा रही है।

अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने बताया कि पेट्रोल पंप के पीछे नगर निगम की बेशकीमती जमीन पर बाहरी लोग कब्जा कर कई वर्ष से रेता बजरी का कारोबार कर रहे थे। निगम ने कई बार इसे हटाने का प्रयास किया लेकिन फिर लोग काबिज हो जाते थे। गुरुवार को प्रवर्तन दल ने ईंट के लगे चट्टे को गिरा दिया। भूमि पर बने अस्थाई आसरे को ढहा दिया।

रेता बजरी को सड़क पर फैलाना शुरू किया तो कारोबारी ने अपना सामान हटाने का समय मांगा। साथ उसे हटाना भी शुरू कर दिया। जमीन पर पर बिजली केबिल भी रखवाई गई थी। टीम केबिल हटाने के लिए बढ़ी तो संबंधित व्यक्ति ने तुंरत ट्राली मंगाकर इसे हटा लेने का आग्रह किया। इस दौरान कुछ लोग जमीन को अपना बताते हुए आगे आए, लेकिन पुलिस बल के आगे उनकी एक न चली। सुबह 10.30 बजे शुरू हुई कार्रवाई चार घंटे तक चली।

अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने यहां मई 2000 में चार्ज संभाला था। तब से उन्होंने कोतवाली के पास तांगा स्टैंड की बेशकीमती जमीन पर काबिज लोगों को हटवाकर निगम को कब्जा दिलवाया। इस जमीन की कीमत लगभग 10 करोड़ रुपये थी। रामपुर गार्डन में निगम की कोठी से अवैध कब्जाधारियों को हटाकर कब्जा लिया था। इस संपत्ति की अनुमानित लागत 15 करोड़ थी। गुरुवार को हुई कार्रवाई को मिलाकर निगम को अब तक लगभग 50 करोड़ की संपत्ति पर कब्जा ले चुकी है। अभियान में निर्माण विभाग के सहायक और अवर अभियंता,नगर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी शामिल रही।

निजी व सरकारी कार्यालयों के लिए बन सकते हैं बहुमंजिला भवन
बरेली। खाली कराई गई भूमि पर 1500 वर्ग मीटर है। इस जमीन पर स्मार्ट सिटी के तहत कार्य कराए जा सकते हैं। यहां मल्टी स्टोरी पार्किंग भी बनाई जा सकती है। इसके अलावा मल्टीस्टोरी भवन बनाकर इन्हें निजी व सरकारी कार्यालयों को दिया जा सकता है। इससे निगम को राजस्व भी हासिल होगा। निगम यहां जो भी कार्य करेगा, उसे नगर निगम बोर्ड से इसकी अनुमति लेनी होगी। इसके लिए अफसर यहां होने वाले कार्य की सूची तैयार करेंगे। बोर्ड उनमें से किस कार्य की मंजूरी देता है, यह बैठक में तय होगा। स्मार्ट सिटी के काम जमीन नहीं आई तो जो भी निर्माण होगा, वह पीपीपी मॉडल पर होगा।

ये भी पढ़ें- महेश चंद्र हत्याकांड बरेली: मानसिक अस्पताल के तीन कर्मचारियों पर शक

संबंधित समाचार

टॉप न्यूज