मुरादाबाद: टैक्स बढ़ाने के लिए घरों का सर्वे दो साल में भी पूरा नहीं

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मुरादाबाद, अमृत विचार। टैक्स बढ़ाने के लिए नगर निगम निजी कंपनी आईएलएफएस से जीआईएस (जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम) सर्वे का काम करा रही है, लेकिन दो साल में भी निगम क्षेत्र में कंपनी सभी मकानों का सत्यापन नहीं करा पाई है। इससे टैक्स का निर्धारण भी सही तरीके से नहीं हो रहा है। अब कंपनी को …

मुरादाबाद, अमृत विचार। टैक्स बढ़ाने के लिए नगर निगम निजी कंपनी आईएलएफएस से जीआईएस (जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम) सर्वे का काम करा रही है, लेकिन दो साल में भी निगम क्षेत्र में कंपनी सभी मकानों का सत्यापन नहीं करा पाई है। इससे टैक्स का निर्धारण भी सही तरीके से नहीं हो रहा है। अब कंपनी को 30 जून तक सभी घरों का सर्वे पूरा करने का अल्टीमेटम मिला है।

जीआईएस सर्वे के लिए कंपनी को टेंडर के माध्यम से दो साल पहले ठेका दिया गया था। अब तक केवल 1.10 लाख मकानों के सर्वेक्षण का काम कंपनी पूरा कर सकी है। इसमें देरी से नगर निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है। हजारों घरों का अभी तक गृहकर ही निर्धारण नहीं हो पाया है। इससे निगम की आय में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। अब कंपनी की सुस्त चाल का नगर आयुक्त ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कंपनी के प्रतिनिधियों को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है।

दशक पहले ऑफलाइन सर्वे में नगर निगम क्षेत्र में 1.36 लाख मकान चिह्नित किए गए थे, लेकिन तबसे लगातार नगर निगम का क्षेत्रफल परिसीमन में बढ़ रहा है। नए क्षेत्रों के अलावा पुराने मोहल्लों और नई कॉलोनियों में नए मकान बने हैं। इसको देखते हुए नगर निगम के अधिकारियों ने आईएलएफएस कंपनी को जीआईएस सर्वे करने का जिम्मा दिया। कंपनी को ऑनलाइन सर्वे के साथ के साथ घर-घर सर्वे करने के लिए भी कार्य सौंपा गया, लेकिन दो साल में भी कंपनी काम को अंजाम नहीं सकी। निगम प्रशासन का अनुमान है कि अब शहर में मकानों का आंकड़ा दो लाख के पार हो गया है। ऐसे में अब तक हुए 1.10 लाख मकान के सर्वे से कंपनी की लचर कार्यशैली पर सवाल खड़ा हुआ है।

नगर आयुक्त संजय चौहान का कहना है कि सर्वे धीमी गति से हो रहा है। इसमें तेजी लाने के लिए कई बार स्टाफ बढ़ाने का निर्देश दिया था, लेकिन कंपनी ने इसे नहीं माना। अब हर हाल में कंपनी को 30 जून तक नगर निगम क्षेत्र के सभी मकानों का जीआईएस सर्वे का काम पूरा करना होगा।

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