रायबरेली: ऊंचाहार से जियारत के लिए 20 जायरीनों का जत्था रवाना

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रायबरेली। विदेशी मुल्क इराक , ईरान और सीरिया के धार्मिक स्थलों में जियारत के किए ऊंचाहार से शनिवार को एक बड़ा जायरीनों का जत्था रवाना हुआ है । यह जत्था करीब 24 दिन तक तीन मुल्कों में विभिन्न शिया धार्मिक स्थलों पर जाकर इबादत करेगा । कोरोना काल के कारण विगत तीन सालों बाद यह …

रायबरेली। विदेशी मुल्क इराक , ईरान और सीरिया के धार्मिक स्थलों में जियारत के किए ऊंचाहार से शनिवार को एक बड़ा जायरीनों का जत्था रवाना हुआ है । यह जत्था करीब 24 दिन तक तीन मुल्कों में विभिन्न शिया धार्मिक स्थलों पर जाकर इबादत करेगा ।

कोरोना काल के कारण विगत तीन सालों बाद यह पहला जत्था है जो जियारत के किए गया है । ऊंचाहार निवासी ओवेश नकवी के नेतृत्व में कुल 77 लोगों का जत्था जियारत के लिए गया है । जिसमे बीस लोग ऊंचाहार से ताल्लुक रखते है । इसमें विशेष रूप से मस्जिद नूर मियां के पेश इमाम मौलाना अली रेजा भी शामिल है । ज्ञात हो कि ओवेश नकवी का यह 13 वा जियारत का सफर है । इस जत्थे का सबसे बड़ा महत्पूर्ण स्थल इराक में करबला होगा। जहां पर हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी । ओवेश नकवी बताते हैं कि इराक ने हिन्दुस्तानियों के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था रहती है। और वहां का हर नागरिक हिंदुस्तानी को हिंदू भाई कहकर संबोधित करते है ।

शनिवार की सुबह जब यह जत्था ऊंचाहार से रवाना हुआ तो बड़ी संख्या में लोगों ने उनको बिदाई दी। उनके साथ लखनऊ हवाई अड्डे तक अशरफ हुसैन असद , ताबिश हैदर नक़वी , असकरी नकवी , राहिल नकवी आदि लोग गए थे ।

इस धार्मिक यात्रा में इराक ईरान में जनाबे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम से और जनाबे जैनब (स.) कर्बला के सभी शहीदों के रौजे है । जिनका बड़ा धार्मिक महत्व है। जबकि सीरिया में बीबी सकीना का रौजा है ।बीबी सकिना इमामे हुसैन अलैहिस्सलाम की बेटी थी । उल्लेखनीय है कि अभी तक सीरिया की जियारत बंद थी । जो अब खुली है।

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