SGPGIMS में पैरामेडिकल के 5 नए कोर्स की हुई शुरूआत, 12 पाठ्यक्रम पहले से संचालित कर रहा था संस्थान

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लखनऊ। राजधानी के एसजीपीजीआईएमएस स्थित कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी (सीएमटी) में 5 नए कोर्स शुरू हो गये हैं। यहां पर पैरामेडिकल के 12 पाठ्यक्रम पहले से संचालित हो रहे थे। बताया जा रहा है कि शुरू हुये 5 नए कोर्सों में मेडिकल जेनेटिक्स काउंसलिंग में 2 साल के एमएससी, मॉलिक्यूलर मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी में एमएससी, …

लखनऊ। राजधानी के एसजीपीजीआईएमएस स्थित कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी (सीएमटी) में 5 नए कोर्स शुरू हो गये हैं। यहां पर पैरामेडिकल के 12 पाठ्यक्रम पहले से संचालित हो रहे थे। बताया जा रहा है कि शुरू हुये 5 नए कोर्सों में मेडिकल जेनेटिक्स काउंसलिंग में 2 साल के एमएससी, मॉलिक्यूलर मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी में एमएससी, न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजी में एमएससी, रेडियोफार्मेसी और मॉलिक्यूलर इमेजिंग में एमएससी और टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ में एक साल का डिप्लोमा कोर्स शामिल है।

एसजीपीजीआईएमएस स्थित कॉलेज ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी (सीएमटी) के नोडल अधिकारी डॉ. एस गंभीर ने बताया कि उत्तर प्रदेश डीजीएमई के तहत एक राज्य पैरामेडिकल काउंसिल का गठन किया गया है। यह समिति राज्य और उसके आने वाले मेडिकल कॉलेजों के लिए आवश्यक पैरामेडिकल मानव संसाधन को मजबूत करने की दिशा में काम करेगी।

डॉ. एस गंभीर के मुताबिक आनुवंशिक परामर्श मरीजों और आनुवंशिक विकारों वाले परिवारों के प्रबंधन का एक अभिन्न अंग है। आनुवंशिक परामर्श एक मनो-शैक्षणिक प्रक्रिया है जिसमें आनुवंशिक विकार वाले मरीज व उनके परिवार के लिए लागू जटिल वैज्ञानिक जानकारी का संचार शामिल है।

एमएससी आनुवंशिकी परामर्श पाठ्यक्रम ऐसी प्रशिक्षित जनशक्ति बनाने की योजना बना रहा है जो चिकित्सा आनुवंशिकीविदों (चिकित्सकों) के साथ निकट सहयोग में काम करेगा और जटिलताओं का संचार करेगा। इसके अलावा आनुवंशिक जांच के परिणाम, परिवार में पुनरावृत्ति, घटना का जोखिम और परिवार में आनुवंशिक विकारों से निपटने में उनकी मदद करना। उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम का समन्वय प्रो. शुभा फड़के, एचओडी क्लिनिकल जेनेटिक्स द्वारा किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि एमएससी रेडियोफार्मेसी और मॉलिक्यूलर इमेजिंग, न्यूक्लियर मेडिसिन से संबंधित है, जहां प्रशिक्षुओं को रेडियो- आइसोटोप को संभालने और विशिष्ट अणुओं के साथ रासायनिक रूप से टैग करने में विशेषज्ञ बनने के लिए विशेषज्ञता और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

डॉ. एस गंभीर ने साफ तौर पर कहा कि इन कोर्सों के शुरू होने से जहां एक तरफ प्रशिक्षुओं को रोजगार मिलेगा,वहीं लोगों को बेहतर व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधायें भी मिल सकेगी। इसके अलावा मेडिकल कालेजों,अस्पतालों में प्रशिक्षित मानव संसाधनों की आपूर्ति हो सकेगी। उन्होंने कहा कि इन कोर्सो का शुरू होना राज्य में नई चिकित्सा विशिष्टताओं में प्रशिक्षित मानव संसाधन को बढ़ाने की दिशा में एक कदम है।

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