उत्तराखंड: आपदा से निपटने की तैयारी में जुटी सरकार, कुमाऊं-गढ़वाल में तैनात रहेंगे हेलीकॉप्टर

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देहरादून, अमृत विचार। प्रदेश में मानसून की शुरुआत हो चुकी है। शुरुआती दौर में ही प्रदेश के पहाड़ी जिलों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आने लगी हैं। जिस कारण सड़क जाम की स्थिति बन रही है। ऐसे में मानसून के दौरान आपदा से निपटने के लिए सरकार ने भी कमर कस ली है। आपदा राहत …

देहरादून, अमृत विचार। प्रदेश में मानसून की शुरुआत हो चुकी है। शुरुआती दौर में ही प्रदेश के पहाड़ी जिलों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आने लगी हैं। जिस कारण सड़क जाम की स्थिति बन रही है। ऐसे में मानसून के दौरान आपदा से निपटने के लिए सरकार ने भी कमर कस ली है। आपदा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए दो हेलीकॉप्टर तैनात रहेंगे। पहली जुलाई से ही एक हेलीकॉप्टर कुमाऊं के धारचूला और दूसरा देहरादून में स्टैंडबाय पर रहेगा। इसके अलावा आपदा की स्थिति में सभी विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने के बजाय समन्वय बनाकर काम करेंगे। अगले तीन माह अधिकारियों की छुट्टी विशेष परिस्थिति में ही स्वीकृत की जाएगी।

मानसून सीजन के मद्देनजर सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन की समीक्षा करते यह निर्देश शासन और जिलाधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अगले तीन माह महत्वपूर्ण हैं। आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए जिलाधिकारी त्वरित गति से अपने स्तर पर निर्णय लें। जिन समस्याओं का समाधान जिलास्तर पर नहीं हो पा रहा है, उन्हें ही शासन तक भेजा जाए। इस दौरान एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने के बजाए विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें रिस्पांस टाइम को कम करते हुए आपदा की स्थिति में राहत व बचाव कार्य तत्काल शुरू करने होंगे। इसलिए अधिकारियों को आपदा से संबंधित किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हरदम अलर्ट पर रहना होगा। मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जिलों में आपदा प्रबंधन के लिए जो धनराशि दी जा रही है, उसका आपदा मानकों के हिसाब से शत-प्रतिशत उपयोग होना चाहिए।

आपदा प्रभावितों को आपदा मानकों के हिसाब से मुआवजा यथाशीघ्र मिलना चाहिए। बारिश या भूस्खलन से सड़क, बिजली, पानी की आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में कम से कम समय में आपूर्ति सुचारू की जाए। उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था के साथ उनके ट्रेकिंग सिस्टम की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा सभी सेटेलाइट फोन चालू अवस्था में रहें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर एसडीआरएफ की टीमों की संख्या बढ़ाए जाने के निर्देश दिए हैं।

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