बरेली: अपना कर्ज उतारने के लिए कोटेदार ने गरीबों का राशन डकारा
अमृत विचार, बरेली। सूफी टोला पूर्वी क्षेत्र में एक कोटेदार कार्ड धारकों को खाद्यान्न नहीं दे रहा था। शिकायत मिली थी कि कोटेदार दुकान नहीं खोल रहा है तो पूर्ति विभाग के अधिकारियों ने दुकान पर छापामार कार्रवाई की। जांच में खाद्यान्न की कालाबाजारी की पुष्टि हुई। दुकान के अंदर स्टाक भी कम मिला। जांच …
अमृत विचार, बरेली। सूफी टोला पूर्वी क्षेत्र में एक कोटेदार कार्ड धारकों को खाद्यान्न नहीं दे रहा था। शिकायत मिली थी कि कोटेदार दुकान नहीं खोल रहा है तो पूर्ति विभाग के अधिकारियों ने दुकान पर छापामार कार्रवाई की। जांच में खाद्यान्न की कालाबाजारी की पुष्टि हुई। दुकान के अंदर स्टाक भी कम मिला। जांच में हैरान करने वाली बात सामने आई कि कोटेदार ने अपना कर्ज चुकाने के लिए गरीब कार्ड धारकों का खाद्यान्न डकार लिया था।
अब जिलाधिकारी से अनुमोदन मिलने के बाद आरोपी कोटेदार के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। पूर्ति विभाग के अधिकारियों को सूचना मिली थी कि कोटेदार राजेश कुमार ने कई दिन से दुकान बंद कर रखी है और खाद्यान्न का वितरण नहीं कर रहा है। मौके पर जाकर देखा तो दुकान बंद मिली। कोटेदार को फोन किया गया तो उसका फोन भी स्विच आफ आ रहा था। जिसके बाद दुकान पर नोटिस चस्पा कर दिया गया, लेकिन कोटेदार ने विभाग से संपर्क नहीं किया।
जिसके बाद मंगलवार को दोबारा पूर्ति विभाग की टीम मौके पर पहुंची और 25 कार्ड धारकों के बयान दर्ज किए। जिसमें लोगों ने बताया कि ई-पास मशीन में अंगूठा लगवाने के बावजूद कोटेदार खाद्यान्न नहीं देता। इसके अलावा काफी संख्या में कार्ड धारकों को कोटेदार ने तेल, नमक, चना का वितरण कई माह से नहीं किया था। मंगलवार को कोटेदार को बुलाया गया तो उसने चाभी खो जाने का बहाना बनाया जिसके बाद ताला तोड़कर दुकान खोली गई।
दुकान में लगभग 25 किलो चावल मिला। जबकि 69.04 कुंतल गेहूं, 109.26 कुंतल चावल, 1.91 कुंतल नमक, 1.91 कुंतल चना व 191 लीटर चना स्टाक में होना चाहिए था। कोटेदार ने पूर्ति विभाग की टीम को बताया कि उसके ऊपर भारी कर्जा था, जिसके चलते उसने खाद्यान्न को बेच दिया। फिलहाल थाना बारादरी में आरोपी कोटेदार के खिलाफ पूर्ति निरीक्षक रश्मि सिंह की तहरीर पर आवश्यक खाद्य वस्तु अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।
नीरज सिंह, जिलापूर्ति अधिकारी-
सूफीटोला में कोटेदार के खिलाफ खाद्यान वितरण नहीं किए जाने की शिकायत मिली थी। जिसके बाद पूर्ति निरीक्षक द्वारा जांच की गई तो भारी मात्रा में स्टाक कम मिला। कोटेदार ने यह बात कबूल की है कि कर्ज के चलते उसने खाद्यान की कालाबाजारी की। जिला अधिकारी से अनुमोदन मिलने के बाद आरोपी कोटेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
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