कानपुर: जूनियर डॉक्टर नवजात के लिये बना भगवान, मुंह से सांस देकर दिया जीवनदान
कानपुर। कमाल हो गया… थ्री इडिएट्स न देखी होती तो यह युक्ति दिमाग में आती ही न। शहर के सबसे बड़े लाला लाजपतराय अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में प्री मैच्योर बेबी की पैदा होने पर कुछ ऐसा ही हुआ। न्यूरो की मरीज को अचानक हुई प्रसव पीड़ा व प्रीमेच्योर डिलीवरी में नवजात की सांसे …
कानपुर। कमाल हो गया… थ्री इडिएट्स न देखी होती तो यह युक्ति दिमाग में आती ही न। शहर के सबसे बड़े लाला लाजपतराय अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में प्री मैच्योर बेबी की पैदा होने पर कुछ ऐसा ही हुआ। न्यूरो की मरीज को अचानक हुई प्रसव पीड़ा व प्रीमेच्योर डिलीवरी में नवजात की सांसे और धड़कन थमी थी पर अचानक जूनियर डाक्टर ने मुंह से सांस दी तो नवजात शिशु रो पड़ा। सबके चेहरे खिल गए। इसे लोग भगवान की लीला बताते हुए जूनियर डॉक्टर की तारीफ कर रहे हैं।
दरअसल बताते हैं कि बच्चा सांस नहीं ले रहा था, धड़कन भी सुनाई नहीं दे रही थी। इसके बाद न्यूरो सर्जरी विभाग में एमसीएच कर रहे तीन जूनियर डॉक्टरों ने बच्चे को मुंह से सांस दी। कुछ देर में वह रो पड़ा और सांस क्रिया व दिल की धड़कन सामान्य हो गई। इस बच्चे को बाल रोग चिकित्सालय के नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में शिफ्ट कर दिया गया, उसकी मां भी साथ में ही है। दो दिनों बाद बच्चे की हालत बिल्कुल सामान्य बताई जाती है।
न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि जच्चा-बच्चा का स्वास्थ्य सामान्य है। उनका कहना है कि स्त्री रोग विभाग से डॉक्टर बुलाने के पहले ही प्रसव हो गया था। गर्भवती महिला संध्या (25) हिम्मापुरवा कानपुर देहात की रहने वाली है। 26 जून की रात पति ने शराब के नशे में उसे घर की पहली मंजिल से धकेल दिया। उसके सिर में गहरी चोट आई थी।
उसका इलाज डा. मनीष कर रहे हैं। गर्भस्थ शिशु की जांच की गई तो वह ठीक था। संध्या की स्थिति बेहतर हुई तो उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। चक्कर आने की शिकायत पर उसे फिर लाया गया। डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि उसे प्रसव पीड़ा हुई और आठ महीने में ही बच्चे का प्रसव कराया गया। एमसीएच जूनियर छात्रों ने नर्स के साथ प्रसव कराया।
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