बकरीद से पहले रातभर गुलजार बरेली बाजार, बकरों पर भी महंगाई की मार, देखें Photos

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

बरेली, अमृत विचार। कोविड-19 महामारी के दौर में दो साल बाद बकरों की मंडी सजी है। ईद-उल-अजहा यानी बकरीद रविवार 10 जुलाई 2022 को है। यह दिन कुर्बानी का होता है। वहीं, यूपी के बरेली जनपद में पुराना शहर क्षेत्र सैलानी में बकरीद से एक दिन पहले बकरों के बाजार गुलजार हो गए। हर नस्ल …

बरेली, अमृत विचार। कोविड-19 महामारी के दौर में दो साल बाद बकरों की मंडी सजी है। ईद-उल-अजहा यानी बकरीद रविवार 10 जुलाई 2022 को है। यह दिन कुर्बानी का होता है। वहीं, यूपी के बरेली जनपद में पुराना शहर क्षेत्र सैलानी में बकरीद से एक दिन पहले बकरों के बाजार गुलजार हो गए। हर नस्ल के बकरों की बिक्री इस बार भी मंडी में हो रही है। मुस्लिम धर्म में पवित्र माह रमजान के 70 दिन बाद बकरीद का त्यौहार मनाया जाता है। इसे ईद-उल-अजहा के नाम से भी जानते हैं। बकरीद पर मुस्लिम समुदाय के लोग बकरे की कुर्बानी देने की परंपरा है।

 बरेली पुराना शहर क्षेत्र सैलानी में बकरीद से पहले सजा बकरों का बाजार. फोटो- (अरुण मौर्या, अमृत विचार)

बरेली पुराना शहर क्षेत्र सैलानी में बकरीद से पहले सजा बकरों का बाजार. फोटो- (अरुण मौर्या, अमृत विचार)

बरेली के सैलानी में बकरों को कुर्बानी के लिए खरीदने का उत्साह मुस्लिमों में दिखा। दूर-दराज से लोग बकरों को खरीदने के लिए आ रहे हैं। पूरी रात बाजार सजा रहेगा। 5000 से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक की कीमत के बकरों की खरीदारी जोरों-शोरों पर है।

 बरेली पुराना शहर क्षेत्र सैलानी में बकरीद से पहले सजा बकरों का बाजार. फोटो- (अरुण मौर्या, अमृत विचार)

बरेली पुराना शहर क्षेत्र सैलानी में बकरीद से पहले सजा बकरों का बाजार. फोटो- (अरुण मौर्या, अमृत विचार)

विक्रेताओं ने खरीदारों को लुभाने के लिए बकरों का नाम भी बेहद आकर्षक रखा है। बकरीद से पहले बकरों की खरीदारी के साथ-साथ कपड़ों और खाने पीने की चीजों को भी लोगों ने खूब खरीदा। जिसके चलते सड़क पर जाम की स्थिति भी बन गई। बकरा मंडी में सोजत, दुंबे, बागपत की नस्ल गंगापरी और हैदराबाद के बकरे भी हैं। जिन्हें खरीदने को लेकर लोग उत्साहित हैं।

 बरेली पुराना शहर क्षेत्र सैलानी में बकरीद से पहले सजा बकरों का बाजार. फोटो- (अरुण मौर्या, अमृत विचार)

बरेली पुराना शहर क्षेत्र सैलानी में बकरीद से पहले सजा बकरों का बाजार. फोटो- (अरुण मौर्या, अमृत विचार)

इस बार महंगाई की मार बकरा कारोबारियों पर भी पड़ी है। बकरों को खिलाना-पिलाना, देखभाल, इलाज और ट्रांसपोर्टेशन आदि महंगा हुआ है। इस हिसाब से रेट भी बढ़ाए गए हैं। दो साल पहले जो बकरा 10 हजार रुपये में बिकता था, उसका दाम अब 16 से 18 हजार रुपये पहुंच गया है। जो आदमी 10 बकरों की कुर्बानी करता था, वह अब 5 बकरे ही खरीद रहा है।

ये भी पढ़ें: बरेली: बकरीद से पहले सजा बकरों का बाजार, 80 हजार के ‘सुल्तान’ को खरीदार का इंतजार

 

संबंधित समाचार