कानपुर: शिक्षा मंत्री ने आईआईटी में रखी गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी की आधारशिला

कानपुर: शिक्षा मंत्री ने आईआईटी में रखी गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी की आधारशिला

कानपुर। आज एक अच्छा दिन है। आने वाले दो सालों में भव्यता से इसका लोकार्पण होगा। जब मजबूत इक्षाशक्ति होती है तो कार्य सफलता से पूर्ण होता है। भारत में कहा जाता है कि जब परिवार में बेटा बेटी लायक बन जाते हैं तो समाज बेहतर हो जाता है। शिक्षा विभाग में रहते हुए कई …

कानपुर। आज एक अच्छा दिन है। आने वाले दो सालों में भव्यता से इसका लोकार्पण होगा। जब मजबूत इक्षाशक्ति होती है तो कार्य सफलता से पूर्ण होता है। भारत में कहा जाता है कि जब परिवार में बेटा बेटी लायक बन जाते हैं तो समाज बेहतर हो जाता है। शिक्षा विभाग में रहते हुए कई संस्थानों में गए, लेकिन सबसे अधिक प्रभावित आईआईटी कानपुर ने किया है।

पहले के समय आजादी के वक्त कानपुर का नाम रहा है। शुरुआत के दिनों में जब आईआईटी बनाई गई, उसमें कानपुर सबसे अच्छा रहा। यह बात केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही। वह शनिवार को आईआईटी में प्रस्तावित गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी और यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के शिलान्यास कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहें थे।

उन्होंने बताया कि भारत में संभावना बहुत है। लैटिन अमेरिका, साउथ एशिया समेत अन्य महाद्वीप के देशों की नजर है। देश के बच्चों को नई शिक्षा देने की तैयारी कर रहे हैं, इसमें आप जैसों का सहयोग लिया जाएगा। मेडिकल स्कूल के बनने से भारत ही नहीं अन्य गरीब देशों के लिए सस्ते इलाज की नई राह बनेगी।

यहां कई तरह के चिकित्सीय उपकरण विकसित किए जाएंगे। अभी ड्रोन की नई पालिसी लायी गई है। ड्रोन सिर्फ समान उठाने के लिए नहीं है। इसका उपयोग सर्विलांस, मेडिसिन सप्लाई, रेस्क्यू के लिए है। इसमें आईआईटी अपना बेहतर कार्य करेगा। संस्थान में आकर छात्र अपनी चिंता भूल जाते हैं, जबकि समाज के हितों के लिय कार्य करते हैं। समारोह की अध्यक्षता आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन ने की।

संस्थान में इंजीनियरिंग, विज्ञान और मानविकी विषयों में अपनी तरह का मेडिकल स्कूल स्थापित हो रहा है। मेडिकल स्कूल में 450 से अधिक बेड का यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, कैंसर देखभाल और अनुसंधान के लिए 50 बेड का केंद्र, अकादमिक व आवासीय ब्लॉक और चिकित्सा में अनुसंधान एवं विकास के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होंगे।

निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि संस्थान में मेडिकल स्कूल और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनने जा रहा है। इससे चिकित्सा क्षेत्र में काफी प्रगति होगी। बायोमेडिकल क्षेत्र में क्रांति आएगी। स्वास्थ क्षेत्र में कई सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी विकसित किए जा रहे हैं। इसमें टेलीमेडिसिन एंड रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस इन हेल्थकेयर, कार्डिक एंड पल्मोनरी डिसीज, नॉन इनवेसिव इमेजिंग हाई रेसोल्यूशन, न्यूरो साइंस, ड्रग डिस्कवरी आदि शामिल हैं।

उप निदेशक प्रो. एस गणेश ने बताया कि संस्थान ने दानदाताओं, पुरातन छात्रों, मेडिकल स्कूल के सलाहकार बोर्ड के सदस्यों, मंत्रालय के अधिकारियों, जिला प्रशासन के सदस्यों, डॉक्टरों, स्वास्थ्य अधिकारियों, अन्य संस्थानों और उद्योगों की ओर से सहयोग किया जा रहा है। समारोह में मिकी और विनीता पंत चैरिटेबल फाउंडेशन के संस्थापक मुक्तेश पंत, इंडिगो पेंट्स लिमिटेड के संस्थापक हेमंत जालान, जेके सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड के यतिपति सिंहानिया टीम समेत अन्य लोग शामिल हुए।

शिक्षा मंत्री ने चुटकी ली

शिक्षा मंत्री ने चुटकी ली कि आज से पांच से छह दशक पहले नाईट लाइफ नहीं मिल पाई थी। आज भी नहीं मिल पा रही है। हालांकि महाराज जी ने प्रदेश में काफी हद तक व्यवस्था ठीक की है।

कभी सोचिए कि 50 साल पहले यह कह सकते थे की इतनी असुविधा के बावजूद इस तरह का कार्य हो सकेगा। उनकी सोच है कि संस्थान में आज मेडिकल स्कूल और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल खुलने जा रहा है। इसमें आईआईटी के फैकल्टी और छात्रों का अहम योगदान है। सिर्फ मेडिकल कॉलेज ही नहीं कई अन्य संस्थान खोले जाएंगे।

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