लखनऊ : भाऊराव देवरस अस्पताल में चिकित्सकों की भारी कमी, इमरजेंसी पर भी पड़ रहा असर
लखनऊ, अमृत विचार । चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के स्थानान्तरण में सिर्फ गड़बड़ी ही नहीं हुई, बल्कि इससे जनता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कुछ अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी हो गयी। जिसका असर आम लोगों के इलाज पर पड़ रहा है। हालांकि कुछ चिकित्सकों के स्थानान्तरण निरस्त होने से राहत होने की बात …
लखनऊ, अमृत विचार । चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के स्थानान्तरण में सिर्फ गड़बड़ी ही नहीं हुई, बल्कि इससे जनता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कुछ अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी हो गयी। जिसका असर आम लोगों के इलाज पर पड़ रहा है। हालांकि कुछ चिकित्सकों के स्थानान्तरण निरस्त होने से राहत होने की बात की जा रही है,लेकिन सभी जगहों पर ऐसा नहीं हो सका है। राजधानी के सरकारी अस्पतालों की बात करें तो सबसे बुरी स्थिति राजधानी के महानगर स्थित भाऊराव देवरस यानी की बीआरडी अस्पताल की है। 100 बेड के इस अस्पताल में महज 11-12 चिकित्सक हैं,लेकिन फिजिशियन एक भी नहीं है। जो फिजीशियन यहां तैनात थे,उनका यहां से तबादला हो गया। बताया जा रहा है कि इस अस्पताल से रेडियोलॉजिस्ट भी नहीं है। इसके अलावा ईएनटी विशेषज्ञ लंबी छुट्टी पर हैं। ऐसे में फिजीशियन,रेडियोलॉजिस्ट तथा ईएनटी विशेषज्ञ न होने से मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ट्रांसगोमती क्षेत्र का बीआरडी अकेला राजकीय अस्पताल
राजधानी के ट्रांस गोमती क्षेत्र में कई बड़े इलाके आते हैं,जिसमें इन्दिरा नगर,अलीगंज,जानकीपुरम,विकास नगर,महानगर,निशातगंज,निराला नगर,शक्ति नगर,कुर्मांचल नगर,इन्दिरा नगर विस्तार समेत कई इलाके इसी अस्पताल पर निर्भर हैं। इन इलाकों में कई लाख आबादी निवास करती है। यहां की गरीब जनता इसी अस्पताल में इलाज कराने पहुंचती है,लेकिन चिकित्सकों की कमी के चलते लोगों को दूसरे अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। इतना ही नहीं यहां पर डॉक्टरों की कमी इमरजेंसी सेवाओं पर भी असर डाल रही है।
यह अस्पताल इस इलाके के लिए कितना जरूरी है,इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है,कि इस बार अलीगंज व विकास नगर क्षेत्र में डायरिया फैलने पर कई मरीजों को इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
स्थानान्तरण होने पर इसी तरह की समस्या को देखते हुये प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सवाल उठाये थे,उन्होंने अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से जवाब मांगा था कि जिन जगहों से चिकित्सकों का स्थानान्तरण किया गया है,उस स्थान पर कोई चिकित्सक भेजा गया है या नहीं। लेकिन उसका जवाब आज तक नहीं आया।
वहीं इस बार हुये स्थानान्तरण में हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल की व्यवस्था भी खराब हो सकती थी, लेकिन दो चिकित्सकों के स्थानान्तरण निरस्त होने के साथ ही स्थानान्तरण पर दूसरे चिकित्सक के आ जाने से व्यवस्था पटरी पर आ गयी।
दरअसल,इस बार हुये स्थानान्तरण में डॉ.श्याम प्रसाद मुखर्जी अस्पताल से करीब 9 चिकित्सकों का स्थानान्तरण हुआ था,उसमें से एक कार्डियोलॉजिस्ट तथा रेडियोलॉजिस्ट का स्थानान्तरण निरस्त हो गया,जिससे यहां की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रही। वहीं लोगबंधु अस्पताल की बात करें तो वहां पर स्थानान्तरण के दौरान जिन चिकित्सकों का स्थानान्तरण हुआ,उनकी जगह पर दूसरे चिकित्सकों को तैनात कर दिया गया है। जिससे स्वास्थ्य सेवायें सुचारू रूप से चल रही हैं। बता दें 350 बेड के लोकबंधु अस्पताल में करीब 55 डॉक्टर तैनात हैं।
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