कानपुर: शासन से न मिलने पर डॉक्टरों ने दान से जुटाई 50 लाख की दवाएं

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

कानपुर। पिछले कई दिनों से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज संबद्ध अस्पतालों में चला आ रहा दवाओं का संकट काफी हद तक दूर हो सकेगा। यहां के डॉक्टरों ने दान से 50 लाख रुपये से अधिक की दवाएं जुटा ली हैं। इन्हें कई दवा कंपनियों, नर्सिंगहोम और कंपनियों के सीएसआर फंड से लिया गया है। जीएसवीएम मेडिकल …

कानपुर। पिछले कई दिनों से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज संबद्ध अस्पतालों में चला आ रहा दवाओं का संकट काफी हद तक दूर हो सकेगा। यहां के डॉक्टरों ने दान से 50 लाख रुपये से अधिक की दवाएं जुटा ली हैं। इन्हें कई दवा कंपनियों, नर्सिंगहोम और कंपनियों के सीएसआर फंड से लिया गया है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने दवाओं की कमी को लेकर उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन को पत्र लिखा था, लेकिन दवाएं नहीं आ सकीं। इसके चलते हैलट अस्पताल में दवाओं का संकट गहरा गया।

हैलट अस्पताल, बाल रोग चिकित्सालय, जच्चा बच्चा अस्पताल, मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल में कानपुर समेत आसपास के जिलों से मरीज आते हैं। बारिश के समय संक्रामक रोगों का हमला तेज हो गया है। रोजाना सर्दी, बुखार, मलेरिया, डेंगू, वायरल के काफी केस आ रहे हैं। अस्पताल में केवल बुखार, दर्द, उच्च रक्तचाप और पेट खराब होने पर दी जाने वाली दवाएं ही रह गईं।

वार्ड में तो और भी बुरा हाल हो गया था। यहां एनएस और अन्य फ्लूड की बोतलों का स्टाक खत्म था। मरीजों को बाहर से लाना पड़ रहा था। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरी ने 20 लाख, बाल रोग विभाग के एचओडी प्रो. यशवंत राव ने 20 लाख और स्वयं उन्होंने 10 लाख रुपये की दवाएं दान में ली हैं। अस्पताल में ग्लूकोज, सर्जिकल आइटम, एंटीबायोटिक आ गए हैं।

पीजीआई से मिले एंटीबायोटिक

प्रो. संजय काला ने बताया कि पीजीआई नोएडा के निदेशक से बातचीत हुई थी। उनके यहां जनवरी 2023 में कई दवाएं और एंटीबायोटिक एक्सपाइरी हो रही थी। उन्हें मरीजों के हित के लिए मंगवा लिया गया है। इससे काफी राहत मिलेगी।

यह भी पढ़ें:-डिप्टी सीएम से मुलाकात कर डॉक्टरों ने साझा की स्वास्थ्य इकाईयों की अड़चनें… जानें पूरा मामला

संबंधित समाचार