हल्द्वानी: 19 कुमाऊं के जाबांज चंद्रशेखर हर्बोला के पार्थिव शरीर का इंतजार, तिरंगे से सजाया कॉलोनी का द्वार
हल्द्वानी, अमृत विचार। जो 38 साल पहले गया तो उसके लौट के आने की उम्मीद हर गुजरते साल के साथ दम तोड़ती गई लेकिन 13 अगस्त की रात अचानक शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला का शव मिलने की खबर मिली। कहा गया कि 15 अगस्त की शाम या 16 अगस्त की सुबह तक शहीद का …
हल्द्वानी, अमृत विचार। जो 38 साल पहले गया तो उसके लौट के आने की उम्मीद हर गुजरते साल के साथ दम तोड़ती गई लेकिन 13 अगस्त की रात अचानक शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला का शव मिलने की खबर मिली। कहा गया कि 15 अगस्त की शाम या 16 अगस्त की सुबह तक शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंच जाएगा, लेकिन मौसम बाधा बन गया और अब 38 साल बाद इंतजार का हर लम्हा घंटों में गुजर रहा है।
देखें वीडियो: 38 साल लौटेगा 19 कुमाऊं के जाबांज और सियाचिन के योद्वा चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर
सरस्वती विहार डहरिया में शहीद के परिवार पर हर लम्हा भारी है। शहीद की वीरांगना शांति तो उनके मिलने की उम्मीद भी छोड़ बैठी थीं, लेकिन मन के एक कोने में आस जिंदा थी। 38 साल बाद परिवार के पास सिर्फ एक मौका होगा कि कुछ पल पार्थिव शरीर को अपने पास रख सकेंगे और इस एक मौके के लिए भी इंतजार बढ़ता जा रहा है। 15 अगस्त की शाम गुजर गई और माना गया कि अब 16 की सुबह ही पार्थिव शरीर हल्द्वानी पहुंचेगा। आधे तक पार्थिव शरीर के आने पर उहापोह की स्थिति बनी रही। इस बीच सूचना आई कि सीएम पुष्कर सिंह धामी भी शहीद के परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुंचेंगे।

फिर खबर आई कि सियाचिन में मौसम बेहद खराब है और सेना का चॉपर खराब मौसम में उड़ना नामुमकिन है, जिसके बाद स्थिति स्पष्ट हो गई कि अब 17 अगस्त को ही लांस नायक का पार्थिव शरीर सियाचिन से हल्द्वानी लाया जाएगा, लेकिन अगर मौसम ने साथ दिया तो। इसके ठीक बाद ये खबर भी आ गई कि अब सीएम के आने का कार्यक्रम भी रद्द हो गया है। इससे पहले जब सीएम के आने की खबर आई तो शहीद के घर पर सुबह से ही अफसरों का आना-जाना शुरू हो गया। मेयर जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला के साथ कई नेता भी शहीद के घर पहुंच गए। हल्द्वानी से सटी आसपास की विधानसभाओं के विधायकों भी आने की तैयारी में थे लेकिन सीएम न आने की खबर के बाद शहीद के घर कोई बड़ा नेता, विधायक और मंत्री नहीं पहुंचा।

शहीद के सम्मान में तीन रंग से सजाई कॉलोनी, तिरंगे लहराए
देश के लिए शहादत फक्र की बात है, सिर्फ शहीद के परिवार नहीं बल्कि हर किसी के लिए। यही वजह थी कि जब पता लगा कि 16 अगस्त को शहीद का पार्थिव शरीर उनके आवास पहुंचेगा तो तिरंगे के तीन रंग वाले गुब्बारों से पूरे सरस्वती विहार को सजा दिया गया। शहीद के सम्मान में कॉलोनी के हर घर पर तिरंगे लगा दिए गए। सरस्वती विहार के प्रवेश पर विशेष द्वार बनाया गया, जिस पर शहीद लांस नायक की चित्र भी लगाया गया था।
