कानपुर: 19 अगस्त को घर- घर जन्मेंगे कान्हा, दुल्हन की तरह सजा इस्कॉन मंदिर, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
कानपुर। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां मंदिरों के साथ ही घरों में भी शुरू हो गई हैं। बाजारों में जहां कान्हा की मनोहारी मूर्तियों, वस्त्र, मुकुट आदि की बिक्री शुरू हो गई है। इस बार जन्माष्टमी के मुख्य पर्व को लेकर श्रद्धालुओं में भी भ्रम की स्थिति है। इसकी वजह है अष्टमी के साथ रोहिणी नक्षत्र …
कानपुर। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां मंदिरों के साथ ही घरों में भी शुरू हो गई हैं। बाजारों में जहां कान्हा की मनोहारी मूर्तियों, वस्त्र, मुकुट आदि की बिक्री शुरू हो गई है। इस बार जन्माष्टमी के मुख्य पर्व को लेकर श्रद्धालुओं में भी भ्रम की स्थिति है। इसकी वजह है अष्टमी के साथ रोहिणी नक्षत्र का संयोग न होना। रोहिणी नक्षत्र 20 अगस्त की भोर में 4.58 बजे लग रही है और अगले दिन सुबह सात बजे समाप्त हो रही है, जबकि अष्टमी तिथि 18 अगस्त की रात में लगेगी जो 19 अगस्त को रात 1.06 बजे तक रहेगी।
ऐसे में ज्योतिषियों ने 19 अगस्त को ही प्रभु का जन्मोत्सव मनाने की सलाह दी है। इस्कॉन मंदिर में प्रभु का 151 रजत कलश से अभिषेक किया जाएगा। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में भगवान का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि को ही भगवान का जन्मोत्सव श्रद्धालु मनाते हैं। कई वर्षों बाद ऐसा हो रहा है जब बिना रोहिणी नक्षत्र के ही अष्टमी तिथि पड़ रही है।
शकुंतला शक्ति पीठ के संस्थापक आचार्य अमरेश मिश्र का कहना है कि रोहिणी नक्षत्र में व्रत करने वाले भक्त 20 अगस्त को भी जन्मोत्सव मना सकते हैं। वैसे 18 अगस्त की रात 12.14 बजे अष्टमी लग रही है और अगले दिन रात 1.06 बजे तक यह तिथि रहेगी। 19 को उदया तिथि में ही अष्टमी है ऐसे में इस दिन ही प्रभु का जन्मोत्सव मनाना श्रेयकर होगा। इस दिन विधि विधान से प्रभु का दूध, दही, घृत, शहद, चंदन, शक्कर आदि से अभिषेक करना चाहिए। जन्मोत्सव पर सोहर का गायन करते हुए उत्सव मनाना चाहिए। श्रद्धापूर्वक किए गए पूजन का फल अवश्य मिलेगा।

सनातन धर्म मंदिर में नहीं सजेगी झांकी
कौशलपुरी स्थित सनातन धर्म मंदिर में इस बार भी झांकी नहीं सजेगी। दो साल कोरोना संकट की वजह से झांकियां नहीं सजाई गईं थीं इस बार मंदिर में मरम्मत का कार्य चल रहा है। इस वजह से झांकियों में प्रभु के दर्शन नहीं होंगे। रघुनाथ मंदिर कौशलपुरी में भगवान के विविध रूपों वाली झांकियां सजाई जाएंगी। मंदिर में इसकी तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।
औषधियों के रस से अभिषेक
इस्कॉन मंदिर में आम, अंगूर, संतरा, मौसमी समेत विविध प्रकार के फलों से राधा माधव का अभिषेक किया जाएगा। विभिन्न प्रकार की औषधियों का प्रयोग भी अभिषेक में होगा। प्रभु को विविध तरह के विदेशी पकवान का भोग भी लगाया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
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