मोदी को निशाने पर रखने वाले स्वामी और ममता की इस तस्वीर के इशारे समझिए
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) की एक मुलाकात की तस्वीर की चर्चा सियासी गलियारों में हो रही है। वह गुरुवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मिले। उन्हें करिश्माई नेता बताते हुए मुलाकात की तस्वीर भी ट्वीट की। इसके बाद …
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) की एक मुलाकात की तस्वीर की चर्चा सियासी गलियारों में हो रही है। वह गुरुवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मिले। उन्हें करिश्माई नेता बताते हुए मुलाकात की तस्वीर भी ट्वीट की। इसके बाद अटकलें तेज हो गई कि कहीं स्वामी अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन तो नहीं थामने जा रहे। हाल के दिनों में दूसरे दलों के कई नेता अपनी पार्टियां छोड़कर TMC में शामिल हुए हैं, ऐसे में सुब्रमण्यम स्वामी और ममता बनर्जी की मुलाकात के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। बता दें कि स्वामी और बनर्जी के बीच मुलाकात करीब 30 मिनट तक चली।
Today I was in Kolkata and met the charismatic Mamata Banerjee. She is a courageous person. I admired her fight against the CPM in which she decimated the Communist pic.twitter.com/Gejytxpl4o
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 18, 2022
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने को ट्वीट किया, आज मैं कोलकाता में था और करिश्माई नेता ममता बनर्जी से मिला। वह एक साहसी शख्स हैं। मैंने सीपीएम के खिलाफ उनकी लड़ाई की प्रशंसा की, जिसमें उन्होंने कम्युनिस्टों का सफाया कर दिया था।
सुब्रह्मण्यम स्वामी पिछले काफी समय से मोदी सरकार पर हमलावर हैं। वह कभी मंदिरों पर सरकार के नियंत्रण को लेकर तो कभी एलएसी पर चीन की आक्रामकता तो कभी अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार को कठघरे में खड़ा करते दिख रहे हैं।
ममता को करिश्माई नेता बताने के अगले दिन शुक्रवार को उन्होंने बिना किसी का नाम पर इशारों हमला किया। उन्होंने ट्वीट किया कि हिंदू दो तरह के होते हैं- एक भगवान राम की तरह और दूसरे राक्षस रावण की तरह। मंदिरों पर सरकार के नियंत्रण का मतलब है कि आप रावण वाले हिंदू हैं।
Ramayan teaches us that there are two types of devout Hindus : Bhagwan Rama and Rakshash Ravana. Choose whose side you are on. If you block Rama Setu as our national heritage then you must be of Ravana type. State take over of temples means you are of Ravana jath.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 18, 2022
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने बीजेपी संसदीय बोर्ड के पुनर्गठन को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा था। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले संसदीय बोर्ड में पदाधिकारियों को भरे जाने के लिए चुनाव होते थे। पार्टी संविधान के हिसाब से यह जरूरी होता था लेकिन आज बीजेपी में कोई चुनाव नहीं होता। हर पद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी से नेताओं को मनोनीत किया जाता है।
स्वामी की तरफ से बीजेपी और मोदी सरकार की लगातार आलोचना और ममता बनर्जी की तारीफ के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। वैसे यह कोई पहली बार नहीं है जब स्वामी ने दीदी की तारीफ की है। पिछले साल नवंबर में उन्होंने ट्वीट करके ममता बनर्जी की तारीफ की और उन्हें जेपी और राजीव गांधी के कद का नेता बताया था। तब स्वामी ने ट्वीट किया था, मैं जितने भी राजनेताओं से मिला या उनके साथ काम किया, उनमें से ममता बनर्जी जेपी, मोरारजी देसाई, राजीव गांधी, चंद्रशेखर, और पीवी नरसिंह राव के कद की हैं। इन नेताओं की कथनी और करनी समान थी। भारतीय राजनीति में यह दुर्लभ गुण है।
Of the all the politicians I have met or worked with, Mamata Banerjee ranks with JP, Morarji Desai, Rajiv Gandhi, Chandrashekhar, and P V Narasimha Rao who meant what they said and said what they meant. In Indian politics that is a rare quality
— Subramanian Swamy (@Swamy39) November 24, 2021
लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने वाली ममता बनर्जी अब टीएमसी का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने की कोशिशों में हैं। वह बंगाल से इतर दूसरे राज्यों में अन्य पार्टियों के नेताओं को टीएमसी में जगह दे रही हैं। उसी कड़ी में दीदी ने कभी बीजेपी के कद्दावर नेता रहे यशवंत सिन्हा को पार्टी में शामिल कराया था लेकिन विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के बाद उन्होंने टीएमसी से इस्तीफा दे दिया था। सवाल ये है कि क्या स्वामी अब सिन्हा की जगह लेंगे?
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