जिंदगी का उद्देश्य नमक तेल लकड़ी तक सीमित नहीं : डॉ. दिनेश शर्मा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग स्थित विश्वेश्वरैया ऑडिटोरियम में आज सतह से शिखर तक अंत्योदय का शंखवाद विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गयी। दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र उपस्थित रहे। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप …

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग स्थित विश्वेश्वरैया ऑडिटोरियम में आज सतह से शिखर तक अंत्योदय का शंखवाद विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गयी। दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र उपस्थित रहे।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों का निष्पादन प्रारम्भ हो चुका है। उन्होंने कहा कि जिंदगी का उद्देश्य नमक तेल लकड़ी तक सीमित नहीं है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी सबके उत्थान की बात करते थे। वह एकात्म मानववाद की बात करते थे।

जिसका अर्थ यह है कि समाज में सभी व्यक्तियों का स्तर समान हो। पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल के सपनों को पूरा करने का काम देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिलकर पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो अति पिछड़े,गरीब,जरूरतमंद हैं,उनकों लाभ पहुंचाना, अन्तोदय की परिधि में आता है।

उन्होंने कहा कि एक जब बाढ़ आती है,तो सरकार,संस्था के लोग राशन बांटने जाते हैं,ऐसे में कई बार होता है कि जो शरीर से सक्षम है,वह तो राशन प्राप्त कर लेता है, सुविधाओं को प्राप्त कर लेता है,लेकिन जो कमजोर व शिथिल होता है, उसे अक्सर सुविधायें नहीं मिल पाती हैं।

दीनदयाल जी का यही कहना था कि आप हवाई जहाज से पैकेट को गिरा दोगे,लेकिन लूटेगा कौन जिसके शरीर में शक्ति होगी। उन्होंने कहा कि जबकि उस खाने के पैकेट की जरूरत शारीरिक शक्ति रखने वाले तथा दुर्बल दोनों को है। ऐसे में निर्बल तक सुविधाओं को पहुंचाना ही अन्तोदय की मूलभावना के अर्न्तगत आता है।

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