सरकार ने कहा, क्वारंटाइन सेन्टर में नही है तबलीगी जमात के लोग
प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय को राज्य सरकार ने सोमवार को बताया कि 2979 भारतीयों एवं 46 विदेशी तबलीगियो को क्वारंटाइन अवधि बीत जाने के बाद छोड़ दिया गया है। वे अपने राज्यों को चले गए हैं और 21 भारतीयों सहित 279 विदेशी तबलीगियो को आपराधिक कृत्य के कारण जेल में बंद रखा गया है। अपर महाधिवक्ता …
प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय को राज्य सरकार ने सोमवार को बताया कि 2979 भारतीयों एवं 46 विदेशी तबलीगियो को क्वारंटाइन अवधि बीत जाने के बाद छोड़ दिया गया है। वे अपने राज्यों को चले गए हैं और 21 भारतीयों सहित 279 विदेशी तबलीगियो को आपराधिक कृत्य के कारण जेल में बंद रखा गया है।
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली तबलीगी मरकज से प्रदेश में आने वाले 3001भारतीय एवं 325 विदेशी तबलीगियो को क्वारंटाइन सेन्टर में रखा गया था। अब कोई भी सेन्टर में नही है। इस जानकारी के बाद न्यायालय ने सादी अनवर की जनहित याचिका निस्तारित कर दी है और कहा है कि यदि याची की जानकारी मे किसी तबलीगी को क्वारेन्टाइन अवधि बीत जाने के बाद भी छोडा नही गया है तो वह कानून के तहत शिकायत कर सकता है।
न्यायालय ने दूसरे राज्यो से आये मजदूरों को क्वारेन्टाइन सेन्टर में रखे जाने के मुद्दे पर राज्य सरकार को अवधि पूरी होने और रिपोर्ट निगेटिव आने पर मजदूरों को तत्काल छोडने का निर्देश दिया है। साथ ही क्वारेन्टाइन सेन्टर की निगरानी के लिए हर जिले में तीन अधिकारियों की कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है। अदालत ने मुख्य सचिव को सर्कुलर जारी कर सभी जिलाधिकारियों को इसका पालन करने का भी आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति शशिकान्त गुप्ता तथा न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी की खंडपीठ ने शाद अनवर की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया । न्यायालय ने कहा है कि एक संवैधानिक संस्था के नाते अदालत का दायित्व है कि वह नागरिकों के अधिकारों को संरक्षण दे जिसके तहत क्वारेन्टाइन अवधि बीत जाने के बाद विधिक अडचन न/न होने की दशा में सेन्टर में रखे लोगो को तत्काल छोड़ने का निर्देश दिया है। उच्च् न्यायालय ने कहा कि जिले स्तर पर गठित कमेटी क्वारंटाइन सेन्टर के व्यवस्था की निगरानी करे ताकि कोई अव्यवस्था न/न होने पाये।
