मुरादाबाद : भुगतान के लिए अब नहीं भटकेंगे मनरेगा मजदूर
मुरादाबाद,अमृत विचार। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के लाभार्थी मजदूरों को अब अपने श्रम के बदले भुगतान के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हें न तो बैंकों की शाखाओं में भटकना पड़ेगा और न ही विभाग के कार्यालयों का चक्कर काटने पड़ेंगे। क्योंकि जिले में बीसी सखी द्वारा मनरेगा श्रमिकों को कार्यस्थल पर ही उनके …
मुरादाबाद,अमृत विचार। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के लाभार्थी मजदूरों को अब अपने श्रम के बदले भुगतान के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हें न तो बैंकों की शाखाओं में भटकना पड़ेगा और न ही विभाग के कार्यालयों का चक्कर काटने पड़ेंगे। क्योंकि जिले में बीसी सखी द्वारा मनरेगा श्रमिकों को कार्यस्थल पर ही उनके काम का भुगतान मिल जाएगा।
- बैंक सखी के माध्यम से कार्यस्थल पर ही प्रत्येक सोमवार को मिल जाएगा खाते में भुगतान
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में भी आएगी पारदर्शिता
- जनपद में 419 बीसी सखी के माध्यम से किया जाएगा भुगतान
मनरेगा योजना के तहत जिले में 2,12,180 जाॅब कार्ड धारक हैं। इन श्रमिकों को काम करने के बाद भी भुगतान पाने के लिए कभी कार्य कराने वाले ठेकेदार तो कभी विभाग के कार्यालय का चक्कर काटने पड़ते थे। बाद में खाते में भुगतान की सुविधा शुरू होने के बाद भी उन्हें समय से मजदूरी का पैसा नहीं मिल पाता था।
इसको देखते हुए प्रदेश में बैंक सखी योजना के माध्यम से श्रमिकों को भुगतान की सुविधा शुरू करने की शुरुआत तो हुई। लेकिन, इसमें भी टालमटोल की स्थिति बनती रही। जिसको देखते हुए जिले में अधिकारियों ने भुगतान की प्रक्रिया सरल करने के लिए बैंक अधिकारियों के साथ रणनीति पर काम किया। अब बैंक सखी के माध्यम से किए जा रहे कार्यस्थल पर ही बैंक कर्मी मनरेगा श्रमिकों के श्रमदान का भुगतान तत्काल मौके पर ही उनके खाते में करा देंगे। मजदूरी भुगतान के लिए दिन भी तय कर दिया है। प्रत्येक सोमवार को बैंक सखी योजना के माध्यम से श्रमिकों को पारिश्रमिक का भुगतान होगा।
जिले में 419 है बीसी की संख्या
बैंक सखी की जिले में संख्या 419 हैं। जिसमें सर्वाधिक डींगरपुर में 63, भगतपुर टांडा में 44, बिलारी में 57, छजलैट में 59, डिलारी में 55, मुरादाबाद सदर ब्लॉक में सबसे कम 35 और मूंढापांडे और ठाकुरद्वारा में 53-53 बैंक सखी हैं।
डींगरपुर ब्लॉक में हैं सर्वाधिक मनरेगा मजदूर
जिले के आठ ब्लॉकों में 2,12,180 मनरेगा मजदूर हैं। जिन्हें ज़ॉब कार्ड मिल चुका है। इसमें सर्वाधिक संख्या डींगरपुर ब्लॉक की है। इस ब्लॉक में 32,874 जाॅब कार्ड धारक मजदूर हैं। जबकि सबसे कम मुरादाबाद सदर ब्लॉक में 12615 जॉब कार्ड धारक हैं।
कुशल-अकुशल को अलग-अलग मजदूरी
मनरेगा योजना में कुशल और अकुशल श्रमिकों को अलग-अलग पारिश्रमिक मिलता है। अकुशल को 214 रुपये प्रतिदिन मजदूरी दी जाती है। जबकि कुशल श्रमिक (स्किल्ड लेबर) को प्रतिदिन 375 रुपये मजदूरी का भुगतान किया जाता है।
ऑन स्पाट भुगतान की प्रक्रिया को प्रयोग के तौर 22 अगस्त को आजमाया गया। 69 लाख रुपये भुगतान मनरेगा मजदूरों को किया गया है। अब हर सोमवार को नियमित रूप से भुगतान कराया जाएगा। -सतीश चंद्र मिश्र, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास, अभिकरण
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