बरेली: प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के तहत आई 3.47 करोड़ की धनराशि
बरेली, अमृत विचार। स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण फेज-2 के तहत 76 गांवों को ओडीएफ प्लस योजना में शामिल किया गया है। इस योजना में 37.52 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शुरुआत में 10 ग्राम पंचायतों में काम शुरु कराए जाने के लिए 3.47 करोड़ रुपये की धनराशि शासन की ओर से भेजी गई है। सॉलिड …
बरेली, अमृत विचार। स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण फेज-2 के तहत 76 गांवों को ओडीएफ प्लस योजना में शामिल किया गया है। इस योजना में 37.52 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शुरुआत में 10 ग्राम पंचायतों में काम शुरु कराए जाने के लिए 3.47 करोड़ रुपये की धनराशि शासन की ओर से भेजी गई है।
सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत गांवों में नालियां बनाई जाएंगी और उनके जरिए पानी तालाबों तक ले जाया जाएगा। इससे गांवों में पानी इधर-उधर एकत्र नहीं होगा। जल से जनित रोग भी नहीं फैलेंगे। कूड़े के निकलने के स्थान से ही गीले और सूखे कूड़े को अलग कर देने की जागरूकता लोगों में विकसित कराई जाएगी। इसके अलावा मेरा कूड़ा, मेरी जिम्मेदारी के बारे में लोगाें को समझाया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 का मकसद वर्ष 2024 तक गांवों में अपशिष्ट प्रबंधन की गतिविधियों को बढ़ावा देकर पर्यावरणीय स्वच्छता प्रदान करना है, ताकि ग्रामीण आबादी का जीवन स्तर बेहतर हो सके। बड़े राजस्व गांवों को माडल बनाने के लिए शोक पिट, कंपोस्ट पिट और कूड़ा डंपिग स्थल का निर्माण कार्य स्वच्छ भारत मिशन से 70 फीसद और 30 फीसद खर्च 15वें वित्त आयोग से होगा। धनराशि की कमी होने पर मनरेगा से भी मदद ली जाएगी। 3.47 करोड़ रुपये आने के बाद गांवों में सितंबर माह के पहले सप्ताह से काम शुरु कर दिया जाएगा। इसके लिए पंचायत सचिव और सहायक को लखनऊ में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
यह कराए जाएंगे काम :
इस राशि से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत घरेलू अपशिष्ट, मवेशियों तथा कृषि जनित, बायोमेडिकल, प्लास्टिक एवं इलेक्ट्रॉनिक, तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत रसोई घर से निकलने वाले पानी, स्नान घर, बरसाती पानी, सेप्टिक टैंक के ओवरफ्लो पानी का प्रबंधन किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत यह पहल की गई है। पांच हजार या उससे अधिक आबादी के 76 गांवों को ओडीएफ प्लस में चयनित किया गया है। 10 गांवों के लिए 3.47 करोड़ रुपये आ गए हैं। जल्द ही उनमें काम शुरु करा दिया जाएगा— धर्मेंद्र कुमार, जिला पंचायती राज अधिकारी।
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