हरदोई : गजोधर भइया को बहुत पसंद आए थे हरदोइया
अमृत विचार, हरदोई।…मज़ाक-मज़ाक में काफी लोग आ गए, चारबाग रेलवे स्टेशन के बाहर सड़क के बीचों-बीच में बैठी हुई गाय….हंसी के बादशाह कहें जाने वाले राजू श्रीवास्तव की यादें,अब यादगार बन कर रह गई। जैसे ही दिल्ली से आई एक मनहूस खबर कि गजोधर भइया नहीं रहे…सुन कर हरदोई का हर कोई हैरान रह गया। …
अमृत विचार, हरदोई।…मज़ाक-मज़ाक में काफी लोग आ गए, चारबाग रेलवे स्टेशन के बाहर सड़क के बीचों-बीच में बैठी हुई गाय….हंसी के बादशाह कहें जाने वाले राजू श्रीवास्तव की यादें,अब यादगार बन कर रह गई। जैसे ही दिल्ली से आई एक मनहूस खबर कि गजोधर भइया नहीं रहे…सुन कर हरदोई का हर कोई हैरान रह गया। हर किसी को वही लम्हा याद आ गया,जब राजू श्रीवास्तव यहां के लोगों के सामने खड़े होकर ठेंठ कनपुरिया अंदाज में हंसी के हंसगुल्ले फोड़ रहे थे,तो कुछ छोड़ रहे थे। हंसी की महफ़िल ऐसी जमी कि गजोधर भइया को बहुत पसंद आए हरदोइया।
मौका था पूर्व मंत्री और सांसद नरेश अग्रवाल के जन्मदिन का। 1 अक्टूबर 2012 को आरआर इंटर कालेज का मैदान और उसके अगले साल 1 अक्टूबर 2013 को जीआईसी का मैदान, इन दोनों मौकों पर हंसी के बादशाह राजू श्रीवास्तव ने पहली बार 1अक्टूबर 2012 को शहर आरआर कालेज में अपनी आमद दर्ज कराते हुए हरदोई के लोगों को हंसाते-हंसाते लोटपोट कर दिया था।
वहीं ठेंठ कनपुरिया अंदाज में गजोधर भइया उर्फ राजू श्रीवास्तव ने जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे परवेज़ मुशर्रफ़ के भारत आने पर उन्हें 21 तोपों की सलामी दिए जाने को हंसोड़ वाले अंदाज में कहा तो सुनने वाले हंसतें-हंसतें गिर पड़े… राजू श्रीवास्तव का अंदाज़ लोगो को इतना पसंद आया कि उन्हें अगले साल 1अक्टूबर 2013 में फिर अपने बीच बुला लिया था।
चाहे सबसे पहला टीवी चैनल दूरदर्शन हो या मंदिर-मस्जिद के खड़े होने वाले लोगों को ले कर उनके अपने अंदाज में उनकी अपनी बात हो, और तो और लोग उनका चेहरा देखते ही हंसी के हंसगुल्ले छोड़ने लगते थे। वैसे उनकी भले ही मज़ाक समझी जाती थी, लेकिन उनके पीछे तल्ख सच्चाई ज़रूर छिपी होती थी। हंसी के बादशाह कहें जाने वाले राजू श्रीवास्तव के न रहने की खबर ने हरदोई के हर किसी को हैरान कर दिया।
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