बहराइच: अल्जाइमर भूलने की बीमारी, वृद्ध लोगों में ज्यादा असरदार

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बहराइच। विश्व अल्जाइमर्स दिवस 21 सितंबर प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह जिस सप्ताह में पड़ता है उस सप्ताह यानी इस वर्ष 19 से 25 सितंबर तक राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है और इसी क्रम में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के द्वारा सप्ताह के …

बहराइच। विश्व अल्जाइमर्स दिवस 21 सितंबर प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह जिस सप्ताह में पड़ता है उस सप्ताह यानी इस वर्ष 19 से 25 सितंबर तक राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है और इसी क्रम में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के द्वारा सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न तरह के जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

मानसिक स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा वृद्धा आश्रम में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश सिंह व मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में हुआ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया गया कि अल्जाइमर एक भूलने की बिमारी है जो वृद्धजनों में अधिकतर देखने को मिलती है। इस बिमारी में पुरानी याददाश्त तो बनी रहती है, लेकिन हाल में घटी घटनाओं की याददाश्त नही रहती है।

नोडल अधिकारी एनसीडी सेल डॉ अनुराग वर्मा के द्वारा बताया गया की अल्जाइमर रोग एक मानसिक बीमारी है, जिसमे व्यक्ति धीरे धीरे चीजों को भूलने लगता है और कुछ भी याद नहीं रख पाता है ऐसे व्यक्ति के परिजनों को ज्यादा ध्यान देना चाहिए। मनोरोग विशेषज्ञ डॉ विजित जायसवाल ने बताया कि यह बीमारी एक उम्र के बाद लोगो में होने लगती है।

इस बिमारी में वृद्धावस्था के लोगों में रोजमर्रा की चीजों को भूल जाना, व्यवहार में परिवर्तन होना, रोज घटने वाली घटनाओं को भूल जाना, अपना रोज का कार्य न कर पाना इत्यादि लक्षण है। इस मौके पर विवेक श्रीवास्तव एफएलसी, मुकेश हंस, राज कुमार महतो, सुमित कुमार, अजय प्रताप सिंह व वृद्धा आश्रम के मैनेजर दिलीप द्विवेदी एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहें।

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