एशिया का सबसे बड़ा आईटी हब बनेगा मानेसर: दुष्यंत चौटाला

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चंडीगढ़। हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि एशिया का सबसे बड़ा आईटी हब मानेसर का क्षेत्र बनेगा और इस क्षेत्र में राज्य के युवाओं को 75 प्रतिशत नौकरियां प्राइवेट कंपनियां देंगी। उन्होंने गुरुवार को यहां कहा कि हरियाणा में एक वर्ष में 28000 करोड़ रुपए की धनराशि का निवेश अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा …

चंडीगढ़। हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि एशिया का सबसे बड़ा आईटी हब मानेसर का क्षेत्र बनेगा और इस क्षेत्र में राज्य के युवाओं को 75 प्रतिशत नौकरियां प्राइवेट कंपनियां देंगी। उन्होंने गुरुवार को यहां कहा कि हरियाणा में एक वर्ष में 28000 करोड़ रुपए की धनराशि का निवेश अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किया गया है। मेवात में मोबाइल फाेन की सबसे बड़ा एटीएल बैटरी का हब भी बनने जा रहा है।

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प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्र में बदलाव की दिशा में सार्थक कदम बढ़ा रही है और अमृत सरोवर योजना के तहत गांवों के तालाबों की सफाई के साथ ही सर्वांगीण विकास में शिक्षा और स्वास्थ्य पर सरकार पूरा फोकस रखे हुए हैं। चौटाला फरीदाबाद, रेवाड़ी और गुरुग्राम जिले में आयोजित विभिन्न जनसभाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों की खरीफ सीजन की फसलों का भुगतान 48 घंटे में करते हुए किसानों के खातों में फसल की राशि डाली जा रही है।

गत दिनों बरसात से खराब हुई फसलों की भरपाई के लिए ई क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से राहत देने के निर्णय लिए हैं और जिस पर किसान अपनी खराब फसल का ब्यौरा दर्ज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में हो रहे पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण देकर राजनीति में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए अहम कदम उठाए हैं।

सरकार ने हर विधानसभा क्षेत्र में सड़कों के नवीनीकरण के लिए 25 करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान किया है और केंद्र के सहयोग से अमृत टू योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में बिजली, पानी, सड़कें, सीवरेज सहित तमाम मूलभूत सुविधाएं सरकार द्वारा आमजन को मुहैया करवाई जाएंगी। चौटाला ने कहा कि खरखौदा में नया मारुति का प्लांट स्थापित हो रहा है और इस मारुति प्लांट में 75 प्रतिशत नौकरियां हरियाणा के युवाओं को मिलेंगी।

परिवार पहचान पत्र के जरिए राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं। प्रदेश में जिन परिवारों की वार्षिक आय 1,80,000 से कम है, उन सभी परिवारों के ऑनलाइन पीले राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं और अब उन्हें एडीसी कार्यालय, काउंसलर और विधायक के घरों पर चक्कर काटने की जरूरत नहीं है।

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