गोष्ठी : नई कहानी आंदोलन का चमकता सितारा थे शेखर जोशी

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अमृत विचार, अयोध्या। हिंदी कथाकार शेखर जोशी की स्मृति में जनवादी लेखक संघ और प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से प्रेस क्लब में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में कवियों, साहित्यकारों सहित अन्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी रचनांओं पर अपने विचार व्यक्त किए। गोष्ठी में आए अतिथियों ने कहा …

अमृत विचार, अयोध्या। हिंदी कथाकार शेखर जोशी की स्मृति में जनवादी लेखक संघ और प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से प्रेस क्लब में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में कवियों, साहित्यकारों सहित अन्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी रचनांओं पर अपने विचार व्यक्त किए।

गोष्ठी में आए अतिथियों ने कहा कि मध्यवर्ग की त्रासदियों के साथ श्रमशील समाज और खासकर पहाड़ से विस्थापित लोगों के जीवन की समस्याओं का अपनी कथा साहित्य में गहराई से चित्रण करना उनकी खासियत थी। कवि स्वप्निल श्रीवास्तव ने कहा कि शेखर जोशी के जाने के बाद नई कहानी आंदोलन का आखिरी चमकता सितारा बुझ गया, लेकिन उसकी चमक लंबे समय तक बनी रहेगी।

आलोचक रघुवंशमणि ने कहा कि दाज्यू कहानी में मध्यमवर्गीय अकेलेपन की संवेदना के बीच वर्ग के अंतर को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा कि बदबू कहानी के माध्यम से शेखर जोशी ने श्रमशील समाज का सच सामने रखा है। कवि अनिल कुमार सिंह ने कहा कि ऊपर से सहज और साधारण दिखती हुई शेखर जोशी की कहानियों में गहरा और तीखा वैचारिक भावबोध मौजूद था।

कवयित्री एवं साहित्यसेवी ने कहा कि शेखर जोशी की कथा साहित्य में जो भावनात्मक निर्दोषता है, वह कमाल है। सत्यभान सिंह जनवादी ने कहा कि शेखर जैसे प्रतिबद्ध लेखकों की रचनाएँ हमें निरंतर रास्ता दिखाती रहेंगी। गोष्ठी की अध्यक्षता कवि स्वप्निल श्रीवास्तव व संचालन कवि विशान श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर नीरज सिन्हा नीर, मुजम्मिल फिदा, कंचनलता, अयोध्या प्रसाद तिवारी, चंद्रप्रकाश, कंचन दुबे, अखिलेश, सत्य प्रकाश, कबीर, विनय कुमार, रामजी यादव सहित कई लोग मौजूद रहे।

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