बरेली: प्रेम विवाह में हुई हत्या, चार सगे भाइयों समेत छह को उम्रकैद
बरेली, अमृत विचार। करीब सवा चार साल पहले प्रेम विवाह की रंजिश में थाना शाही क्षेत्र के आमौर गांव में ग्रामीण की हत्या करने के मामले में चार सगे भाइयों समेत छह लोगों को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। प्रत्येक अभियुक्त पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माने की आधी रकम मृतक की …
बरेली, अमृत विचार। करीब सवा चार साल पहले प्रेम विवाह की रंजिश में थाना शाही क्षेत्र के आमौर गांव में ग्रामीण की हत्या करने के मामले में चार सगे भाइयों समेत छह लोगों को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। प्रत्येक अभियुक्त पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माने की आधी रकम मृतक की पत्नी को बतौर मुआवजा मिलेगी। सत्र परीक्षण में दोषी पाने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट-4 अब्दुल कैयूम ने सजा सुनाई। अभियुक्तों को दो दिन पहले ही जेल भेज दिया गया था। अभियुक्तों में चार सगे भाइयों में सीबीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम पस्तौर निवासी हरपाल, ईश्वरी प्रसाद उर्फ भुवन चंद्र, ऋषिपाल, इंद्रपाल समेत सुरेश, शाही के आमौर निवासी सुनील शामिल हैं।
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एडीजीसी क्राइम अनूप कुमार कोहरवाल ने बताया कि मृतक की पत्नी वादिनी कुसुम ने थाना शाही में तहरीर देकर बताया था कि 14 अगस्त 2018 को सुबह 7 बजे उसके पति धर्मपाल शौच करने गये थे। करीब 1 घंटे बाद गांव के ही रामबहादुर उर्फ बबलू, जो अपने खेत से उसके पास आये और बोले- तुम्हारे पति को आरोपीगणों ने घेर रखा है। चारों ने उसके पति को गोली मार दी। इतना देख मैं वहां से भाग आया। इस सूचना पर वह मौके पर पहुंचीं तो हत्यारोपी फरार थे और उसके पति की लाश वहां पर पड़ी थी।
हत्या का कारण 29 जुलाई 2018 को हुए प्रेम विवाह था, जो समाज के चंद भले लोगों ने करवाया था। लड़की बालिग थी। एक ही जाति का मामला था। लड़की आरोपी भुवन चंद्र की पुत्री है। वह मृतक को कई दफा जान से मारने की धमकी दे चुका था। विवाह धर्मपाल के भतीजे हरदास के साथ हुआ था। परीक्षण के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने आठ गवाह परीक्षित कराए थे।
ईश्वरी प्रसाद व ऋषिपाल ने धर्मपाल के सिर में मारी थीं दो गोलियां
घटना के प्रत्यक्षदर्शी गवाह रामबहादुर ने बयान दिया था कि 14 अगस्त 2018 की सुबह 7ः30 बजे खेत पर निराई कर रहे थे। अचानक आवाज आयी मार डाला, मार डाला, बचा लो तब देखा कि धर्मपाल को सुनील, सुरेश, हरपाल व इंद्रपाल पकड़े हुए थे। ईश्वरी तथा ऋषिपाल जिनके हाथों में तमंचे थे, दोनों ने एक-एक गोली धर्मपाल के सिर में मार दी। गोली मारने के बाद गवाह को भी जान से मारने की धमकी देते हुए हत्यारोपी पस्तौर की तरफ भागे थे। ईश्वरी और ऋषिपाल के पास से पुलिस ने आलाकत्ल अवैध तमंचे बरामद किये थे। सभी अभियुक्तों को कोर्ट ने 19 अक्टूबर को ही दोषी करार देकर जेल भेज दिया था। सजा के बिंदु पर गुरुवार को सुनवाई कर कोर्ट ने कठोर निर्णय सुनाया।
हत्या में प्रयुक्त किये थे दो अवैध तमंचे
घटना के अगले दिन 15 अगस्त 2018 को तत्कालीन थानाध्यक्ष सुदेश सिंह ने लमकन तिराहे से तीन आरोपियों को दबोचा था, जिसमें धर्मपाल की हत्या में प्रयुक्त 315 बोर का तमंचा और 3 कारतूस ईश्वरी प्रसाद उर्फ भुवन चंद्र व ऋषिपाल के पास से 12 बोर का तमंचा व 3 कारतूस बरामद किये थे तीसरे आरोपी सुरेश के पास से कुछ बरामद नहीं हुआ था।
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