कानपुर: संदिग्ध परिस्थितियों मे बीएसएफ जवान की मौत, दोबारा पीएम की मांग को लेकर परिजनों ने किया रोड जाम

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कानपुर, बिल्हौर। कानपुर के बिल्हौर तहसील क्षेत्र के शिवराजपुर थाना क्षेत्र मे स्थित सुजाननिवादा (भैसंऊ) गांव निवासी बीएसएफ के जवान सत्यनरायन सविता (45) की पंजाब के अमृतसर निकट बाबा डेरा नानकपुर मे मौत हो गई। हालांकि जवान की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है लेकिन बीएसएफ की ओर परिजनों को मौत का कारण …

कानपुर, बिल्हौर। कानपुर के बिल्हौर तहसील क्षेत्र के शिवराजपुर थाना क्षेत्र मे स्थित सुजाननिवादा (भैसंऊ) गांव निवासी बीएसएफ के जवान सत्यनरायन सविता (45) की पंजाब के अमृतसर निकट बाबा डेरा नानकपुर मे मौत हो गई। हालांकि जवान की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है लेकिन बीएसएफ की ओर परिजनों को मौत का कारण फांसी बतायी गई है। शिवराजपुर कस्बे से तीन किलोमीटर दूर स्थित भैसंऊ के सुजाननिवादा गांव के सत्यनरायन वर्ष 2003 मे बीएसएफ मे तैनात हुए थे।

बीते कई वर्षों से मणिपुर मे तैनात थे लेकिन बीस दिन पूर्व ही उनको अमृत सर के नानकपुर मे तैनात किया गया था। दीपावली पर छुट्टी ना मिल पाने के कारण आज ही अमृतसर से सत्यनरायन घर आ रहे थे कि सुबह परिजनों को सूचना मिलती है कि सत्यनरायन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली सूचना मिलते ही परिजनो मे हड़कंप मच गया। अब परिजन जवान की शव का इंतजार कर रहे जबकि विभाग की ओर से जवान का पोस्टमार्टम दिल्ली मे कराया जा रहा है जिससे मौत का कारण स्पष्ट हो सके।

अधिकारियों पर लगाया प्रताड़ना का आरोप
परिजनों के मुताबिक सत्यनरायन जब से मणिपुर से अमृतसर तैनात किए गए थे तब से कई वरिष्ठ अधिकारी उनको प्रताड़ित करते थे। बीते बीस साल की नौकरी मे यह पहला मौका था जब जवान सत्यनरायन को किसी प्रकार की दिक्कत थी।

शव पहुंचते ही गांव मे शुरू हुआ हंगामा
बिल्हौर :- गुरूवार की देर रात बीएसएफ जवान सत्यनरायन का शव गांव पहुंचा जिसके बाद परिजनों मे बीएसएफ के अधिकारियों के प्रति रोष व्याप्त था । शुक्रवार भोर होते ही परिजनों ने शव ले जाकर जी टी रोड़ पर रख दिया और नारेबाजी करते हुएं हंगामा करने लगे आनन-फानन मे एसओ जितेन्द्र परिहार मौके पर पहुंचे और परिजनों को मनाने लगे मामला बिगड़ता देख बिल्हौर सीओ राजेश कुमार, ककवन, बिल्हौर, चौबेपुर एसओ सहित फोर्स पहुंच गया सुबह सात से हंगामा और नारे बाजी करते करते सुबह नौ बजे परिजनों को मना कर प्रशासन ने गांव भेजा हालांकि गांव के बाहर जाकर परिजन एक फिर कानपुर जिलाअधिकारी को बुलाने के लिए अड़े है।

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