Moradabad: गलन भरी ठंड ने दिल और दमा रोगियों की मुश्किलें बढ़ाई

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Published By Monis Khan
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मुरादाबाद, अमृत विचार। सर्दी बढ़ने के साथ ही बीते कुछ दिनों से हृदय और अस्थमा के रोगियों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। इससे पहले इमरजेंसी में दो-चार मरीज ही पहुंचते थे, लेकिन शीतलहर के चलते संख्या बढ़कर 25 से 30 हो गई है। जिला अस्पताल की ओपीडी के साथ निजी अस्पतालों में भी रोगियों की कतार लग रही है। बुधवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में सांस से संबंधित सौ से अधिक रोगी पहुंचे।

हृदय रोग विशेषज्ञ न होने की वजह से मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद विशेषज्ञ को दिखाने की सलाह दी जा रही है। चेस्ट फिजिशियन डॉ.प्रदीप वार्ष्णेय का कहना है कि सर्दी में अस्थमा और हृदय के रोगियों को एहतियात बरतनी चाहिए। जिला अस्पताल में दिल का कोई विशेषज्ञ नहीं है। यहां प्रथम उपचार ही दिया जा सकता है। सांस के रोगियों का भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। बोले, इन दिनों सांस लेने में दिक्कत वाले मरीज अचानक बढ़ गए हैं। इसके लिए इमरजेंसी में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। 

ताकि मरीजों का सही से उपचार हो सके। सर्दियों के सीजन में सांस संबंधी समस्या वाले रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इन दिनों गर्म पानी के सेवन के साथ पूरे शरीर को गर्म कपड़ों से ढककर रखना चाहिए। ठंड में ब्लड प्रेशर के मरीजों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जनरल फिजिशियन डॉ. आशीष कुमार सिंह ने बताया कि शरीर का तापमान सामान्य रखें। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें। नियमित चेक कराते रहें। चिकित्सक द्वारा जो दवा लिखी गई हैं उस दवा की डोज को संशोधित करा लें। इसके अलावा जब सुबह को सोकर उठें तो तुरंत बाहर न निकलें। सांस व अस्थमा के मरीजों को शीतलहर में काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।

ये बरतें सावधानी
- बाहर जाते समय स्कार्फ या मास्क पहनें।
- प्रदूषण का स्तर अधिक हो तो जरूरी होने पर ही बाहर निकलें।

- ठंडी हवा के साथ-साथ ठंडे पेय या खाद्य पदार्थों से भी बचें।
- डॉक्टर की बताई गई दवाएं और इनहेलर हमेशा साथ रखें।

- सिर ढककर निकलें बीपी रखें नियंत्रित।


ऐसे करें बचाव

- अस्थमा, हृदय के मरीज ठंड के साथ ही धुएं से दूरी बनाएं।
- सोने से दो से ढाई घंटे पहले पौष्टिक सुपाच्य भोजन कर लें।

- पानी हल्का गुनगुना करके पिएं, शरीर में पानी की कमी न होने दें।
- हरी सब्जियों के साथ फलों का भी करें सेवन।

- धूल और धुएं से रहें दूर।
- नियमित रूप से घर की सफाई करें। चादरों को नियमित धोएं।

- नम हवा वायुमार्ग को बेहतर रखने में मदद कर सकती है इसलिए यूमिडिफायर का उपयोग करें।
- अगर संभव हो तो घर के अंदर ही व्यायाम करें ताकि ठंडी हवा में जाने से बचा जा सके।

- धूम्रपान और सिगरेट, अंगीठी, स्टोव के धुएं से दूर रहें।

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