छठ पूजा : होठों पर सजे मांगलिक गीत, छठ मैया के पूजन में बिखरी अनुपम छटा
अमृत विचार, बांदा । कार्तिक मास की षष्ठी को मनाये जाने वाले छठ पर्व की अनूठी छटा शहर में भी देखने को मिली। चिल्लारोड स्थित 132 केवीए पावर हाउस में काम करने वाले बिजली कर्मचारियों ने यहां इस पर्व की शुरुआत की। पावर हाउस में अधिकांश कर्मचारी पूर्वांचल व बिहार के हैं। बिजली कर्मचारियों के …
अमृत विचार, बांदा । कार्तिक मास की षष्ठी को मनाये जाने वाले छठ पर्व की अनूठी छटा शहर में भी देखने को मिली। चिल्लारोड स्थित 132 केवीए पावर हाउस में काम करने वाले बिजली कर्मचारियों ने यहां इस पर्व की शुरुआत की। पावर हाउस में अधिकांश कर्मचारी पूर्वांचल व बिहार के हैं। बिजली कर्मचारियों के अलावा अन्य विभागों में तैनात बिहारी कर्मी भी छठ पूजा का महोत्सव मनाते हैं और एकदूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं।
रविवार की शाम ढलते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए कर्मचारियों की व्रती पत्नियों ने छठ मैया की विधिवत पूजा-अर्चना की साथ ही छठ मैया को मनाने के लिए विभिन्न गीतों की गीतांजलि भेंट की। वैसे तो छठ पर्व पूर्वांचल और बिहार का प्रमुख पर्व है, लेकिन अब धीरे-धीरे समूचे देश में छठ की छटा बिखरती जा रही है।
शुक्रवार की सुबह जब बिजली कर्मियों ने परिवार के साथ छठ पर्व की पूजा अर्चना शुरू की तो समूचे इलाके के लोग कौतूहलभरी नजरों से देखते रहे। इस व्रत में महिलाएं एक दिन पहले से ही निर्जला व्रत रखकर छठ मैया की आराधना करतीं है और शाम के समय ढ़लते सूर्य को अर्घ्य देकर वरदान मांगती हैं। वहीं दूसरे दिन सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
सूर्य को अर्घ्य देने के लिए व्रती महिलाएं कमर तक पानी में डूबकर खड़ी होती हैं। पावर हाउस परिसर में छठ पर्व के लिए विशेष तौर पर एक टैंक बनाया गया है, जिसमें भरे पानी में खड़ी होकर महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके बाद प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रत का समापन किया। इस मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया। इसके अलावा तमाम महिलाओं, पुरुषों ने केन नदी और नवाब टैंक आदि में भी छठ पर्व मनाया।
यह भी पढ़ें:-बरेली: छठ पूजा पर सुहागिनों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य, सुख-समृद्धि की कामना की
