राष्ट्रीय कैंसर दिवस पर विशेष : शुरुआती लक्षणों की जांच करा कैंसर को दें मात

अमृत विचार, बहराइच। कैंसर जानलेवा बीमारी है, लेकिन शुरुआती लक्षण से ही इलाज कराकर इस पर अंकुश लगाया जा सकता है। ऐसे में लोग जागरूक रहें। परिवार के साथ स्वयं की सुरक्षा इस बीमारी से करें। जिससे अनमोल जीवन को बचाया जा सके। यह बात जिले के गैर संचारी रोग इंचार्ज डॉक्टर परितोष तिवारी ने …
अमृत विचार, बहराइच। कैंसर जानलेवा बीमारी है, लेकिन शुरुआती लक्षण से ही इलाज कराकर इस पर अंकुश लगाया जा सकता है। ऐसे में लोग जागरूक रहें। परिवार के साथ स्वयं की सुरक्षा इस बीमारी से करें। जिससे अनमोल जीवन को बचाया जा सके। यह बात जिले के गैर संचारी रोग इंचार्ज डॉक्टर परितोष तिवारी ने कही।
जिले में सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए जीवन में 0.2 फीसदी, ब्रेस्ट कैंसर के लिए शून्य और मुंह के कैंसर की जांच के लिए 1.3 फीसदी लोग आगे आए हैं। यह आंकड़ा है राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-21 का है । जिले के गैर संचारी रोग के इंचार्ज डॉ परितोष तिवारी ने बताया कि कैंसर के प्रति जितना जोखिम है, उसकी तुलना में अभी भी जागरूकता की कमी है। इसी उद्देश्य से हर साल 7 नवंबर को “राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस” मनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कैंसर दूसरी सबसे घातक बीमारी है जो लोगों में मृत्यु का कारण बनती है। कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बारे में जागरूक होकर इसके गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि कैंसर की जांच, सलाह व उपचार जनपद के मेडिकल कालेज के कक्ष संख्या 9 में मौजूद है। जिले में वर्तमान में कैंसर से पीड़ित 219 मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें 60 मरीजों की कीमोथेरेपी की जा रही है।
क्या है कैंसर
डॉ तिवारी ने बताया कि आमतौर पर शरीर की स्वस्थ कोशिकाएं नियंत्रित तरीके से बढ़ती हैं और विभाजित होती हैं। वहीं जब कोशिकाएं पुरानी हो जाती हैं या उन्हें कोई नुकसान पहुंचता है तो उनका स्थान स्वस्थ कोशिकाएं ले लेती हैं। जबकि कैंसर के मामले में शरीर की कोशिकाओं को नियंत्रित करने वाले संकेत ठीक से काम नहीं करते और कैंसर की कोशिकाएं असामान्य तरीके से बढ़ती रहती हैं। ऐसे में जब उन्हें रुकना चाहिए तो वह कई गुना बढ़ जाती हैं। इनके बढ़ने से कैंसर कोशिकाओं के गांठ या गुच्छे बन जाते हैं जो आस-पास के खून की नसों और तंत्रिकाओं पर दबाव डालते हैं, जिससे शरीर के कई अंग सही तरीके से काम करना बन्द कर देते हैं।
पचास फीसदी मौतों को रोका जा सकता है –
कैंसर के कारण होने वाली 30-50 फीसदी मौतों को मुख्य जोखिम पैदा करने वाले कारणों से बचाव कर रोका जा सकता है। इनमें तंबाकू का उपयोग, शराब का उपयोग, असंतुलित आहार, पराबैंगनी विकिरण का संपर्क, प्रदूषण, पुराने संक्रमण आदि शामिल हैं। इसके अलावा प्रारंभिक अवस्था में कैंसर की पहचान से अधिक सफल उपचार और जीवित रहने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।
आयुष्मान कार्ड से भी कराएं इलाज
डीएचईआईओ बृजेश सिंह ने बताया जनपद में 8 कैंसर पीड़ित मरीजों का आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कार्ड से निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। इनमें 6 महिलाएं व 2 पुरुष शामिल हैं । इसके अलावा जनपद के 312 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से गैर संचारी रोग जैसे कैंसर, मधुमेह, हृदय रोगों एवं स्ट्रोक की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिये लक्षण युक्त लोगों की जांच कर उन्हे इलाज के लिए रेफर किया जा रहा है।
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