Uric Acid बढ़ने से हो सकती है गंभीर बीमारी, जानिए इसे कंट्रोल करने के घरेलू उपाय
यूरिक एसिड (Uric Acid) के बढ़ने से कई तरह की बीमारियां होती हैं। यूरिक एसिड हमारे खून में पाया जानेवााला एक कैमिकल है जिसका स्तर बढ़ते ही ये खतरनाक हो जाता है।
Uric Acid: यूरिक एसिड (Uric Acid) के बढ़ने से कई तरह की बीमारियां होती हैं। यूरिक एसिड हमारे खून में पाया जानेवााला एक कैमिकल है जिसका स्तर बढ़ते ही ये खतरनाक हो जाता है। यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से जहां गठिया जैसे रोग होते हैं, इससे गाउट (Gout) की समस्या भी हो सकती है।
बता दें कि गाउट को हम गठिया का ही एक जटिल रूप कह सकते हैं। जो किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। गाउट (Gout) को हिंदी में वातरक्त कहा जाता है। इसके ज्यादा बढ़ जाने से शरीर की जोड़ और हड्डियों का आकार बदलने लगता है। मुख्य तौर पर यह पैर की उंगलियों के सबसे बड़े जोड़ (पैर का अंगूठा) को अधिक प्रभावित करता है। गाउट की समय को समय के साथ कंट्रोल न किया जाए तो हड्डियां डैमेज होने लगती हैं।
यूरिक एसिड की बात करें तो इसका निर्माण हमारे शरीर में तब होता है जब शरीर प्यूरीन नाम का कैमिकल रिलीज करता है। शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाने पर यूरिक एसिड के क्रिस्टल बनने लगते हैं और शरीर में हड्डियों के जोड़ों में जम जाते हैं। आमतौर पर यूरिक एसिड ब्लड के द्वारा किडनी तक पहुंचता है और फिर फिल्टर होकर पेशाब के रास्ते से बाहर निकल जाता है। अगर इसे समय रहते कंट्रोल ना किया जाए तो इससे गठिया, गाउट, हाथ पैरों में दर्द और सूजन जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
कितना होना चाहिए यूरिक एसिड
नॉर्मल यूरिक एसिड (पुरुष): 3.4-7.0 mg/dL
नॉर्मल यूरिक एसिड (महिला): 2.4-6.0 mg/dL
यूरिक एसिड बढ़ने की मुख्य वजहें
ओबेसिटी
ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन
हाइपोथायरायडिज्म
सोरायसिस
प्यूरीन से लैस फूड खाना
स्मोकिंग करना
शारीरिक काम न करना
कैसे कंट्रोल करें यूरिक एसिड
रोज कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
रोज कम से कम 1 फ्लोर चढ़ें या 10 से 15 सीढ़ियां चढ़ें।
हफ्ते में कम से कम 2 दिन स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करें।
रोज स्ट्रेचिंग, योगा और सिटिंग अप्स एंड डाउन करें।
पैक्ड फूड का सेवन न करें।
कैचअप से दूर रहें।
चॉकलेट, चिप्स और बिस्कुट के सेवन से बचें ।
कैसे कंट्रोल होगा यूरिक एसिड
संतरा, मौसमी, अंगूर और नींबू का सेवन करें।
एप्पल साइडर विनेगर भी यूरिक एसिड को कम करने में मददगार।
खाली पेट अजवाइन का सेवन करें।
नियमित रूप से भीगे हुए साबुत अनाज का सेवन करें।
डाइट में फल, सब्जियां और जूस शामिल करें।
रोज कम से कम 8 से 10 ग्लास पानी पीएं।
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