रामपुर: पूर्व विधायक यूसुफ अली आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले से बरी

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Published By Priya
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2012 में विधानसभा चमरौआ से लड़े थे चुनाव, तब भोो थाने में दर्ज हुआ था केस

रामपुर, अमृत विचार। पूर्व विधायक अली युसूफ अली को भोट थाने में दर्ज आचार संहिता उल्लंघन के मामले में साक्ष्य के अभाव में एमपी-एलएलए कोर्ट से बरी कर दिया गया है। जबकि 16 मामलों में सुनवाई चल रही है।

गौरतलब है कि अली युसूफ अली 2012 में चमरौआ क्षेत्र से चुनाव लड़े थे। चार जनवरी 2012 को सर्विलांस टीम के एसआई पकंज कुमार अपनी टीम के साथ चमरौआ विधानसभा क्षेत्र के पदपुरी  में करीब डेढ़ बजे भ्रमण कर रहे थे। इस दौरान बिजली के खंभे पर पोस्टर लगा हुआ था। इसके अलावा तलाकपुर का मझरा में भी गश्त के दौरान बिजली के खंभे पर दो बोर्ड लगे हुए थे। 

पुलिस ने चुनाव के सामान को जब्त कर लिया था। उसके बाद भोट थाने में आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए धारा 127 क लोक प्रतिनिधत्व प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके अलावा मिलकखानम और कोतवाली थानाक्षेत्र में भी 16 मुकदमें आचार संहिता के लिखे गए थे।

 जिसमें विवेचना करने के बाद सभी मामलों में चार्जशीट कोर्ट में  दाखिल कर दी थी। जिसकी सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी। सोमवार को साक्ष्य नही मिल पाने के कारण कोर्ट के पीठासीन अधिकारी ने भोट के एक मुकदमें में बरी कर दिया है। पूर्व विधायक के अधिवक्ता महबूब अली पाशा ने बताया कि धारा 127 क लोक प्रतिनिधत्व प्रतिषेध अधिनियम में साक्ष्य नहीं  मिल पाने के कारण बरी कर दिया गया है

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