पीलीभीत: शिकायत के बाद शिक्षक बर्खास्त, न रिपोर्ट न रिकवरी का प्रयास

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार। छह साल से फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले शिक्षक के खिलाफ पत्नी की ओर से खोले गए मोर्च के बाद प्रयागराज कमेटी के अनुमोदन पर उसे बर्खास्त कर दिया गया है, लेकिन जिला स्तर पर इसके प्रकरण में कार्रवाई में ढील बरती जा रही है। बर्खास्ती के बाद भी शिक्षक से रिकवरी को लेकर कोई प्रयास नहीं किया गया है, और न ही एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिसको लेकर सिस्टम पर पीड़िता की ओर से तमाम आरोप लगाए जा रहे हैं। 

18 नवंबर के अंक में प्रकाशित खबर।
18 नवंबर के अंक में प्रकाशित खबर।

इज्जतनगर (बरेली) थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर निवासी मीना देवी ने मुख्यमंत्री को दिए गए शिकायती पत्र में बताया था कि रामपुर जिले के तहसील क्षेत्र मिलक के गांव लोहापट्टी निवासी वीरपाल पुत्र पीतांबर दास जोकि वर्तमान में बरखेड़ा ब्लॉक के गांव चक शिवपुरी में स्थित प्राथमिक विद्यालय में बतौर शिक्षक के पद पर कार्यरत था।

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शिक्षक ने तथ्यों को छिपाते हुए जुलाई 2011 में फर्जी तरीके से बरेली में अपना अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल कर ली थी। इस मामले में शिक्षक की पत्नी मीना देवी ने मुख्यमंत्री पोर्टल और अन्य अफसरों से शिकायत की थी। इस पर बरेली प्रशासन ने शिक्षक का अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया था।

बीएसए अमित कुमार सिंह की ओर से शिक्षक वीरपाल को 25 जुलाई को नोटिस भेजा गया। मगर, उनके द्वारा कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया। इसके बाद 03 अगस्त को दूसरा नोटिस दिया गया। इधर, पत्नी की ओर से शिक्षक पर कार्रवाई न होने से शिकायतों का सिलसिला जारी है।

बीएसए ने शिक्षक के द्वारा जवाब दाखिल न करने पर उसका वेतन भी रोक दिया है। कमेटी के परामर्श के आधार पर मामले को सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज को भेजा गया। सचिव ने कूट रचित प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी कर रहे शिक्षक की नियुक्ति प्रारंभ से ही शून्य मानकर सेवाएं समाप्त करने के आदेश दिए।

इसके उपरांत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. अमित कुमार सिंह ने वीरपाल सिंह पाली की सेवाएं नियुक्ति तिथि से समाप्त करने के आदेश जारी किए हैं। लेकिन बर्खास्ती के बाद भी आरोपी शिक्षक के खिलाफ न तो विभाग की ओर से एफआईआर कराई गई है, और न ही रिकवरी को लेकर कोई प्रयास शुरू किया गया है। पीड़िता कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है, लेकिन जिला स्तर पर उसे बचाने का आरोप भी लगाया है। साथ ही रिकवरी और एफआईआर न होने पर पुनः: शिकायत करने की बात कही है।

बीएसए बोले- क्या कोई व्यक्तिगत परेशानी
जब इस प्रकरण में बीएसए डा. अमित कुमार सिंह से वार्ता की गई तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। उनका कहना था कि कोई व्यक्तिगत परेशानी है क्या? लगातार खबरों के प्रकाशन के बाद शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी गई है। रिकवरी भी कराई जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है--- डॉ. अमित कुमार सिंह, बीएसए।

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