रुद्राक्ष पहनने से नहीं होगी पैसों की कमी,धारण करते समय बरतें ये सावधानियां
Rudraksh Ke Fayede: भगवान शिव को रुद्राक्ष अधिक प्रिय है। 5 मुखी रुद्राक्ष बहुत अधिक महत्व रखता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस रुद्राक्ष को भगवान कालाग्नि रुद्र के रूप में स्वयं भगवान शिव ने आशीर्वाद दिया है। इस दुनिया में बहुत सारे लोग रुद्राक्ष का प्रयोग करते हैं। रुद्राक्ष का प्रयोग पूजा में, मंत्रों के जप में भी किया जाता है।
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माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से पैदा हुए थे। इनको धारण करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। माना जाता है कि रुद्राक्ष अकाल मृत्यु और शत्रु बाधा से रक्षा करता है।
रुद्राक्ष पहनने की सावधानियां
रुद्राक्ष को लाल धागे या पीले धागे में पहनना चाहिए। इसे पूर्णिमा, अमावस्या या सोमवार को धारण करना श्रेष्ठ माना जाता है। रुद्राक्ष एक, सत्ताईस, चौवन या एक सौ आठ की संख्या में धारण करना चाहिए। इसको धारण करने के बाद मांस और मदिरा का सेवन ना करें। रुद्राक्ष को धातु के साथ धारण करना और भी अच्छा होता है। रुद्राक्ष को सोने और चांदी के साथ धारण किया जा सकता है। चाहे तो तांबे के साथ भी इसे धारण किया जा सकता है। दूसरे व्यक्ति की धारण की हुई रुद्राक्ष की माला ना पहनें। सोते समय रुद्राक्ष उतार कर सोना चाहिए।
रुद्राक्ष के फायदे
- शीघ्र विवाह के लिए दो मुखी रुद्राक्ष या गौरी शंकर रुद्राक्ष का प्रयोग करें।
- शिक्षा और एकाग्रता के लिए पंच मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
- सेहत और आयु के लिए एक मुखी या 11 मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग करें।
- नौकरी की बाधाओं से बचने के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग करें।
- बुरी आदत छुड़ाने के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष पहनें, जिसमें बीच में अक मुखी रुद्राक्ष हो।
- भक्ति के लिए 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
रुद्राक्ष घिसकर तिलक लगाने से तेज और सौंदर्य में वृद्धि होती है। तलवों में और माथे पर इसका लेप लगाने से मानसिक शांति मिलती है। शिक्षा में अच्छे परिणाम मिलते हैं। रुद्राक्ष पहनने से तनाव से दूर रहते हैं।
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