बहराइच : कैशलेस इलाज के लिए जारी शासनादेश का किया विरोध

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Published By Vinay Shukla
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राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने कैशलेस इलाज की शर्तों को बताया अव्यवहारिक

अमृत विचार, बहराइच। प्रदेश के कर्मचारियों के इलाज के लिए लागू की गई सरकार की महत्वाकांक्षी कैशलेस इलाज योजना शुरुआत से पहले ही विवादों में घिर गयी है। कैशलेस के नाम पर शुल्क लेकर इलाज की सुविधा शिक्षकों को रास नही आ रही। इसका शिक्षक संगठन ने विरोध करते हुए राज्य कर्मचारियों की भांति सेवाएं देने की मांग की।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ बहराइच के जिलाध्यक्ष आनंद मोहन मिश्र की अध्यक्षता में बैठक जिला कार्यालय में हुई। बैठक के उपरांत प्रेस वार्ता में मिश्र ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री की मंशा के विपरीत जबरन शिक्षकों को शुल्क के साथ इलाज की सुविधा दिलाना चाहते हैं।

प्रदेश के  परिषदीय विद्यालयों में अध्यापन कर रहे शिक्षकों के कैशलेस इलाज को जारी शासनादेश में विसंगतियो को लेकर प्रदेश नेतृत्व राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के आव्हान पर सभी जनपदों में जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित कैशलेस चिकित्सा के सशुल्क चिकित्सा बीमा आदेश को निरस्त कराने का कार्यक्रम तय हुआ है।

जिला महामंत्री उमेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि हम शिक्षकों के लिए  राज्यकर्मचारियों की भांति पूर्णतयः निःशुल्क व्यवस्था की पुरजोर मांग करते है। बैठक में मौजूद रहे जिला उपाध्यक्ष पंकज वर्मा ने शिक्षकों के साथ सौतेले व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया, और कहा कि इसके लिए एकजुट होकर सभी शिक्षक आगामी शुक्रवार को जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से ज्ञापन देंगे। इस अवसर पर जिला कोषाध्यक्ष सगीर अंसारी, जिला संगठन मंत्री रवि मोहन शुक्ल समेत जिले के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।

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