बरेली: पैथोलॉजी में खून निकलवाकर हस्ताक्षर अभियान में लिखा गुलशन आनंद

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बरेली,अमृत विचार। बात सन् 1988 की है। राम मंदिर निर्माण के लिए हिन्दू जागरण मंच द्वारा प्रदेशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा था। हमें अच्छे से याद है, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बरेली में हस्ताक्षर अभियान चलाने की जिम्मेदारी हमें सौंपी गई थी। तब हमने शहर की एक पैथोलॉजी में अपना …

बरेली,अमृत विचार। बात सन् 1988 की है। राम मंदिर निर्माण के लिए हिन्दू जागरण मंच द्वारा प्रदेशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा था। हमें अच्छे से याद है, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बरेली में हस्ताक्षर अभियान चलाने की जिम्मेदारी हमें सौंपी गई थी। तब हमने शहर की एक पैथोलॉजी में अपना खून निकलवाया और उसे छोटी शीशी में भर लिया था। उस खून से हस्ताक्षर अभियान को धार देने के लिए अंगुली से एक कागज की सीट पर ऊपर से नीचे तक हमने गुलशन आनंद, बरेली लिखा था।

उसके बाद हस्ताक्षर अभियान से हजारों लोग जुड़ते चले गए। आज राम मंदिर बनने का सपना साकार हो रहा है। इससे बड़ी खुशी जीवन की और क्या हो सकती है। यह कहना है वरिष्ठ भाजपा नेता गुलशन आनंद का। 5 अगस्त को राम मंदिर के शिलान्यास को लेकर पेश है गुलशन आनंदन से खास बातचीत।

गुलशन आनंद बताते हैं कि वह हिन्दू जागरण मंच में जिला संयोजक, जिलाध्यक्ष, ब्रज प्रांत के उपाध्यक्ष व मंत्री रहे हैं। राम मंदिर आंदोलन के दौरान वर्ष 1988 से 1993 तक काफी सक्रिय रहे। तब करीब 35 वर्ष की उम्र में युवा जोश था। राम मंदिर बनाने के लिए लोगों में जबरदस्त उत्साह था। तब बरेली से चलने वाली ट्रेन अयोध्या एक्सप्रेस का रूप ले चुकी थी।

उस दौरान दो बार अयोध्या जाना हुआ था। लाठी चार्ज और खेत से होकर पैदल चलने और विवादित ढांचा गिरने के विहंगम दृश्य आज भी उनके मन में जीवंत हैं। 13 दिनों तक जेल में रहा। उस दौरान लोगों का सहयोग गजब का देखने को मिला। अपने-अपने घरों से लोग भोजन, राशन और नाश्ता लाकर देते थे। हाथ जोड़ कर मना करने के बाद भी लोग कार सेवकों की मदद करते थे।

राम मंदिर निर्माण आंदोलन में बरेली के लोगों का बड़ा योगदान
राम मंदिर निर्माण आंदोलन को लेकर हिन्दू जागरण मंच सहित अन्य हिन्दूवादी संगठनों ने गुलाब राय इंटर कॉलेज में हिन्दू सम्मेलन का आयोजन कराया था। कई वरिष्ठ हिन्दूवादी नेता मंच पर मौजूद थे। राम मंदिर को लेकर हुई गिरफ्तारी और कार सेवकों की मौत के बाद आंदोलन उग्र हो चुका था। सम्मेलन में आस्था का जनसैलाब टूट पड़ा था। चारों तरफ जय श्रीराम के गगनभेदी नारों से वातावरण भक्तिमय हो गया था। इसके बाद देश में राम मंदिर के आंदोलन की ज्वाला भड़ गई। इस आंदोलन में बरेली के लोगों का बड़ा योगदान रहा है। कई नेताओं को जेल जाना पड़ा था।

36 वर्ष पहले बरेली में राम मंदिर का ताला खुलवाने का रखा था प्रस्ताव
36 वर्ष पूर्व जब बरेली में विराट हिन्दू धर्म सम्मेलन हुआ, तब राम मंदिर का ताला खुलवाने के लिए प्रस्ताव रखा गया था। मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष और भाजपा महामंत्री रहे स्व.गोवर्धन चतुर्वेदी की गिरफ्तारी के लिए जिला प्रशासन ने 50 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया था। भाजपा नेता कमल चतुर्वेदी ने राम मंदिर निर्माण आंदोलन में अपने पिता स्व.गोवर्धन चतुर्वेदी से जुड़ी कुछ बातें गुरुवार को खास बातचीत में बताई।

उन्होंने बताया कि उस वक्त वह काफी छोटे थे लेकिन हमें याद है कि राम मंदिर निर्माण समिति के राजेन्द्र सिंह पंकज और चंपत राय ने पिता को बरेली मंडल की जिम्मेदारी सौंपी थी। वर्ष 1984 में कांचीपुर में हुई घटना के बाद बरेली में गुलाब राय इंटर कॉलेज में विराट हिंदू धर्म सम्मेलन हुआ था। इसमें स्वामी प्रकाश नंद, ब्रह्चारी प्रभुदत्त आए थे। इसमें पिता ने सम्मेलन का संचालन किया था। इसी में राम मंदिर का ताला खुलवाने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया था। इसके बाद वर्ष 1990 में मुलायम सिंह की सभा होने से पहले विराट हिंदू सम्मेलन का आयोजित हुआ था। इसका भी संचालन पिता ने ही किया था। यहीं पर तीन दिन बाद मुलायम सिंह को भी आना था।

राम मंदिर निर्माण आंदोलन जोर पकड़ चुका था। साध्वी ऋ तम्भरा ने भाषण में मुलायम सिंह यादव पर तंज कसा था। उनके पिता को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस आई थी, तब उनके बाबा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अयोध्या चतुर्वेदी ने सीओ का हाथ पकड़ लिया था। घर की तलाशी के बाद पिता नहीं मिले थे, तब उन पर जिला प्रशासन ने इनाम घोषित किया था। आज राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। हम सभी के लिए खुशी का दिन है।

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