लखनऊ बेसिक शिक्षा विभाग में लेखाधिकारी कार्यालय का कारनामा, मोहनलालगंज में तैनात शिक्षकों से वेतन के लिए मांग रहे कमीशन , सीएम योगी से शिकायत
रविशंकर गुप्ता अमृत विचार। राजधानी के बेसिक शिक्षा विभाग के लेखाधिकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षकों से हर काम के लिए अवैध धन उगाही की जा रही है। शिक्षकों को अपना ही वेतन निकालने के लिए कमीशन देना पड़ रहा है। इस स्थिति से परेशान शिक्षकों ने आईजीआरएस पर मुख्यमंत्री योगी से सीधे शिकायत की है। मामला मोहनलालगंज के आठ विद्यालयों का है। दरअसल इसी साल सितंबर माह में आनलाइन वेतन लॉक न हो पाने के कारण करीब 38 शिक्षकों का वेतन आफलाइन बिल के माध्यम से मांगा गया था।
इस संबंध में बीईओ मोहनलालगंज मनीष कुमार की ओर से बिल पर संस्तुति कर लेखा विभाग को सौंपा गया था, लेकिन चार माह से इस पर लेखा विभाग ने अमल नहीं किया गया। अब लेखा विभाग के बाबू पर गंभीर आरोप लगे हैं। जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में की गई है। मोहनलालगंज में तैनात शिक्षक संजीव कुमार दिक्षित ने मुख्यमंत्री को सीधे शिकायत भेजते हुए आरोप लगाया है कि ब्लाक के आठ विद्यालयों में सितंबर 2022 का वेतन त्रुटिवश मनावसम्पदा पोर्टल पर डाटा लॉक न करने की वजह से वेतन नहीं निकल पाया इस स्थिति में आफ लाइन बिल भेजा गया था।
इसी तरह से अन्य ब्लाक में भी वेतन रुका था, लेकिन उनका वेतन निकाल दिया गया। जबकि मोहनलालगंज के शिक्षकों को दौड़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री को की गई शिकायत में बताया गया है कि लेखा कार्यालय में स्थित वरिष्ठ लेखाकार नावेद ताहिर का कहना है कि जब तक शिक्षक सुविधा शुल्क नहीं देंगे तब तक वेतन भुगतान नहीं होगा। वहीं वरिष्ठ लेखाकार का यह भी कहना है कि लेखाधिकारी सचिन दीक्षित ने टीचर्स से पैसा इकठ्ठा करने को बोला है जब तक पैसा नहीं मिलेगा तब तक वह पैसा नहीं देंगे। ऐसे में शिक्षक इस बात से परेशान है कि वह किस गलती का पैसा लेखा कार्यालय को दें जिससे उनका पैसा मिल सके।
इन विद्यालयों का है मामला
-पूर्व माध्यमिक विद्यालय डेहवा
- प्राथमिक विद्यालय लखना खेड़ा
- प्राथमिक विद्यालय करोरी द्वितीय
- प्राथिमक विद्यालय पचौरी
- पूर्व माध्यमिक विद्यालय मस्तीपुर
- पूर्व माध्यमिक विद्यालय भद्दी सिर्स
- पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगराम
- प्राथमिक विद्यालय प्राचानी नगराम
कोट...................
जो कागजी प्रक्रिया है उसको पूरा करने के बाद ही वेतन निकलेगा, चाहे तीन माह हो जायें या चार माह शिक्षकों का अपना आरोप है वह लगाते रहें, लेकिन आरोप गलत है
सचिन कुमार दिक्षित लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा विभाग लखनऊ
