रामपुर : राष्ट्रीय मानवाधिकार पहुंचा पठान फिल्म का विवाद, गाने को हटाने की मांग

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Published By Priya
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रामपुर, अमृत विचार। शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म  पठान को लेकर बवाल शुरू हो गया है। फिल्म का पहला गाना  बेशर्म रंग  कुछ दिन पहले ही रिलीज हुआ और तभी से विवादों में आ गया है। गाने में दीपिका के भगवा रंग की बिकिनी पहनने का विरोध हो रहा है।  पठान पर भगवा रंग का अपमान करने का आरोप लगाकर फिल्म के पोस्टर जलाए जा रहे हैं। जिसके कारण भारत में सांप्रदायिकता का माहौल बनता जा रहा है। आज जिस रंग पर हंगामा हो रहा उसे पहले भी कई अभिनेत्रियां पहन चुकी हैं और बॉलीवुड से भगवा रंग का कनेक्शन बहुत पुराना है। 

आरटीआई एक्टिविस्ट ने बताया कि भारत में करोड़ों की संख्या में हिंदू मुस्लिम सिख इसाई हर मजहब का छोटा बड़ा इंसान हिंद के बादशाह ख्वाजा गरीब नवाज के मुकाम पर सलामी देते हैं। हिंदू समाज जिसे भगवा रंग बता रहा है यह मुस्लिम समाज के लिये चिश्ती रंग उन्हीं का है। इस देश मे सभी को इस रंग का सम्मान करना चाहिए। दोनों एक से ही रंग है इस्लाम में भगवा रंग होता ही नहीं है। 

लेकिन इस देश में भगवे रंग की इज्जत ही अलग है इसलिए इस्लाम धर्म वालों ने भी भगवा रंग अपना लिया जिसे चिश्ती रंग कहते हैं। शहर के मोहल्ला मॉडल कालोनी शान मैरिज हाल नादर बाग निवासी दानिश खां ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजे पत्र में पठान फिल्म में प्रथम दर्शाया गया गाना जो हिन्दू मुस्लिम की भावनाओं को आहत करने वाला है। उन्होंने गाने को फिल्म से हटाये जाने के आदेश केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को आदेश किए जाने की मांग की है।

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