पीलीभीत: घोटाले की जांच के लिए टीम बनाई, मगर पहचान छिपाई
लालौरीखेड़ा ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम शाही का है मामला
पीलीभीत/ललौरीखेड़ा, अमृत विचार। विकास के नाम पर घोटाले का एक और मामला सामने आया है। इसकी ग्रामीणों की ओर से मिली शिकायत के बाद जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। मगर आदेश में जांच टीम के अफसरों के नाम धूमिल कर दिए गए। इसके पीछे वजह बताई गई कि जांच टीम से कोई साठगांठ न कर ली जाए इसलिए ऐसा किया गया। सवाल है की क्या अब जिम्मेदार भी अब मान गए है कि मातहत मिल जाएंगे।
ब्लॉक ललौरीखेड़ा क्षेत्र के ग्राम शाही के निवासी चेतराम, आर्यभान, प्रकाश चंद्र, सेवाराम आदि ने जिलाधिकारी को शिकायत की थी। जिसमे बताया था प्रधान सचिव ने विकास के नाम पर बड़ा घोटाला किया है। यही नहीं छात्र के नाम पर ही मनरेगा में फर्जी काम दर्शाकर मजदूरी निकाल ली। इसके अलावा स्ट्रीट लाइट, सीसी रोड, इंटरलॉकिंग आदि में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए।
जिलाधिकारी ने दो सदस्यीय टीम बनाकर जांच के आदेश कर दिए। इसके बाद सवाल तब उठ गए जब जांच के आदेश अधिकारियों के नाम मिटा दिए गए। यह बताया जा रहा है की किसी trh की सेटिंग न की जा से इसलिए ऐसा किया है। मगर यह भी फजीहत का सबब बन गया।
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