Kanpur News : तहसीलों में बनेंगे बायो फ्यूल और कंप्रेस्ड गैस, एसडीएम जमीन उपलब्धता को लेकर कराएंगे सर्वे

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Published By Kanpur Digital
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Kanpur News कानपुर में बनेंगे बायो फ्यूल और कंप्रेस्ड गैस।

Kanpur News कानपुर में तहसील में बायो फ्यूल और कंप्रेडस गैस बनेंगे। इसमें एसडीएम जमीन उपलब्धता को लेकर सर्वे कराएंगे। राज्य जैव ऊर्जा नीति के तहत योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

कानपुर, [मनीष तिवारी]। Kanpur News अब पराली वायु प्रदूषण नहीं बल्कि किसानों के लिए आमदनी का स्रोत बनेगी। यह जलेगी जरूर, लेकिन राख की बजाय कोयला बनकर किसानों को लाभ पहुंचाएगी। यूपीनेडा की एक योजना में पराली से बायो कोल तैयार किया जाएगा। प्लांट लगाने वाले निवेशक को किसान पराली बेचेंगे और फिर उससे तैयार होने वाली बायो कोल का उपयोग फैक्ट्रियों में किया जाएगा।

जिन फैक्ट्रियों में कोयले को ईंधन के रूप मे प्रयोग किया जाता है, वहां 20 फीसदी तक पराली से तैयार फ्यूल का प्रयोग अनिवार्य रहेगा। इसके साथ ही कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीसी) और बायो डीजल और बायो इथेनॉल प्लांट बनाने के प्लांट तैयार होंगे। तीनों ही योजनाओं में अधिकतम अनुदान 20 करोड़ तक दिया जाना निश्चित किया गया है।

खेतों में वैसे तो पराली धान के अलावा मक्के और बाजरे की फसल में भी काफी पराली का उत्पादन होता है। कोई उपयोग नहीं समझकर किसान खेत में ही पराली को जला देते हैं। इससे खेत की उर्वरक क्षमता पर तो असर पड़ता ही है साथ ही पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। कई अभियान और सख्ती के बावजूद पराली जलाने पर रोक नहीं लगी।

इस पर यूपीनेडा की ओर से पराली का प्रयोग बढ़ाने के लिए बायोकोल प्लांट तैयार किए जाएंगे। इसको लेकर योजना के तहत निवेशकों को अनुदान मिलेगा। किसानों को भी प्लांट तक पराली लाने के लिए संसाधनों को लेकर अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए हर तहसील में जमीन की तलाश होगी।

एसडीएम स्तर से यह कार्रवाई की जाएगी। निवेशकों को प्रति एकड़ एक रुपये लीज पर भूमि आवंटित की जाएगी। इसी प्रकार बाकी दो योजनाओं में भी भूमि की तलाश और योजना का लाभ किसानों को दिया जाएगा। बायो गैस प्लांट में गोबर और सड़े गले खाद्य पदार्थों का प्रयोग होगा।

कितना किस पर अनुदान

योजना                                    अनुदान

बीसीजी                                   75 लाख रुपये प्रति टन

बायोकोल                                75 हजार रुपये प्रति टन

बायो एथेनॉल                            03 लाख रुपये किमी की दर

क्षमता के अनुसार भूमि की आवश्यकता

10 एकड़ भूमि जैव ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए

25 एकड़ भूमि दस टन क्षमता के सीबीजी प्लांट के लिए

02 एकड़ भूमि प्रतिदिन 100 टन उत्पादन क्षमता के बायो कोल प्लांट के लिए

1.5 एकड़ भूमि बायो डीजल और बायो एथनॉल प्लांट के लिए

ऑनलाइन करें आवेदन

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राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022 लागू होने के पर नेडा की इन तीनों योजनाओं को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। एसडीएम के माध्यम से भूमि चिन्हित की जाएगी। उसके बाद प्लांट लगाने की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।- अनूप कुमार श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम अधिकारी

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