कानपुर: कलयुग की वानर सेना, देवदूत बन कर रही है लोगों की मदद
अभय प्रताप सिंह, कानपुर, बिल्हौर। कहते हैं कि कलयुग में डूबते को तिनके का सहारा यह कहावत एक ऐसे अधिकारी पर फिट बैठती है जो अपनी नौकरी के साथ-साथ हजारों लोगों को जोड़कर एक दूसरे के लिए हर संभव मदद के लिए हमेशा तत्पर रहता है आज हम बात कर रहे हैं पिछला वर्ग समाज कल्याण विभाग के उपनिदेशक अजीत प्रताप की जोकि बीते 2 वर्षों से देवदूत वानर सेना के नाम से संस्था बनाकर हजारों लोगों को जोड़कर लाखों लोगों की मदद कर रहे हैं।
मदद फिर चाहे नौकरी की हो या इलाज की हो या फिर आर्थिक सहायता की लगातार इन 2 वर्षों में संस्था के संस्थापक अजीत प्रताप ने अपने विभागीय कामकाज के साथ समाज में हजारों लोगों को जोड़कर उन हजारों आंखों में नई उम्मीद की किरण बने हैं जो एकदम पूरी तरह से टूट गए थे। उन हजारों लोगों में ना ही किसी जाति से मतलब है और ना ही किसी संप्रदाय से मतलब है देवदूत वानर सेना संस्था एक सूत्रीय कार्यक्रम जो जिस दशा में मदद मांग रहा है उसको उसी दशा में सहायता दिलाना।
बता दें कि यह सिलसिला कोविड-19 की पहली लहर 2020 में शुरू हुआ देश में जब चारों तरफ निराशा छाई हुई थी और लोग घरों में दुबक् कर कोरोना के डर से बैठे थे उन्हीं दिनों डिप्टी डायरेक्टर अजीत प्रताप को एक ऐसा विचार सूझा कि क्यों ना इन दिनों वह लोग जो समाज में आर्थिक रूप से सक्षम है और किसी अच्छा अक्षम की मदद कर सकते हैं उनको धीरे-धीरे एक व्हाट्सएप ग्रुप पर जोड़ा और आसपास के लोगों की मदद करना शुरू किया इसके बाद कई चौराहे हाईवे अनाथालय सहित कई झुग्गी झोपड़ियों में वर्ष 2020 में संस्था द्वारा भोजन बांटा गया इसके बाद वर्ष 2021 ने कोरोना की दूसरी लहर मे जब हजारों लोग कोविड-19 से ग्रसित थे।
और लोगों को जो ऑक्सीजन की तलाश में दर-दर भटक रहे थे उस दौर में फेसबुक के माध्यम से अजीत प्रताप ने सैकड़ों लोगों को अलग-अलग जनपदों में हॉस्पिटल दिलवाया और उनका इलाज कराया और उनमें से कई ऐसे मरीज भी थे जो अंतिम स्टेज पर पहुंच कर भी आज सुरक्षित है।ऐसे में संस्था का काम बढ़ता गया और फेसबुक पर अजीत प्रताप से नौकरी आर्थिक सहायता उपचार सहित सभी प्रकार की मदद मांगने लगे आज यह कुनबा लगभग पचास हजार लोगों में फैल चुका है और हजारों लोग दिन प्रतिदिन फेसबुक के माध्यम से मदद मांगते हैं और उनकी हर संभव मदद भी की जाती है।
अनमय के लिए जुटाए करोड़
सुल्तानपुर के एक 1 वर्षीय बालक को एसएमए नाम की गंभीर बीमारी हो गई जिसके लिए एक इंजेक्शन की आवश्यकता थी जो अमेरिका में बनता है और उसकी कीमत लगभग सोलह करोड़ की थी लेकिन परिवारिक की स्थिति इतनी अच्छी ना होने के कारण अनमय के माता-पिता लगभग सारी उम्मीद छोड़ चुके थे लेकिन देवदूत वानर सेना अपने मिशन में लग गई और देखते ही देखते कई दिनों में उन्होंने करोड़ों रुपए इकट्ठा कर लिए हालांकि इंजेक्शन के बराबर कीमत का चंदा तो इकट्ठा नहीं हो पाया लेकिन शासन द्वारा बाद में इंजेक्शन मिलने के बाद उनका सारा पैसा लोगों को वापस करा दिया गया।
बेरोजगार युवाओं को दिलाते हैं नौकरी
संस्था में जौनपुर, कानपुर, सुल्तानपुर, समेत गोरखपुर सहित पूरे प्रदेश व प्रदेश के बाहर के कई बड़े व्यापारी भी जुड़े हैं जो समय-समय पर अपने प्रतिष्ठानों में कामकाज के लिए युवाओं को नौकरी भी दिलाते हैं डिप्टी डायरेक्टर अजीत प्रताप उन युवाओं की प्रोफाइल फेसबुक पर शेयर करते हैं जिसके बाद संस्था व मैं जुड़े व्यापारी उन युवाओं को अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में नौकरी देते हैं।
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