मुरादाबाद: तापमान 5 डिग्री सेल्सियस, ठंड से कांपे लोग, फुटपाथ पर ठिठुर रही जिंदगी

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Published By Priya
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जिला प्रशासन अभी है चुप, अब तक शीत अवकाश घोषित नहीं, अभिभावकों की टकटकी, घने कोहरे के बीच दौड़ रहे स्कूली वाहन, ई-रिक्शा, ऑटो, दोपहिया से जाने वालों पर ठंड भारी, सोमवार को दिन का तापमान भी लुढ़ककर 21 डिग्री सेल्सियस आया, आज और कंपाएगी ठंड

मुरादाबाद, अमृत विचार। मौसम की बेरहमी से जनजीवन बेपटरी है। न्यूनतम तापमान खून जमाने को बेताब है। हाड़ कंपाने वाली ठंड में प्रशासन की चुप्पी मासूमों के शिक्षा ग्रहण के जज्बे पर भारी पड़ रही है तो फुटपाथ पर जिंदगी ठिठुर रही है। कड़ाके की ठंड में बच्चे कांपते हुए सुबह स्कूल जा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अपने विवेक का प्रयोग कर शीत अवकाश के मुद्दे पर गंभीर नहीं है। सोमवार को न्यूनतम पारा पांच डिग्री सेल्सियस पर लुढ़क कर आया। दिन का तापमान भी गिरकर 21 डिग्री पर पहुंचा। पूरे दिन लोग कांपने को विवश रहे। न्यूनतम पारे ने कई साल के रिकार्ड को तोड़ दिया है। मंगलवार को ठंड और बढ़ने का अनुमान जताया गया है।

ठंड ने लोगों को कांपने पर मजबूर कर दिया है। जानकारों की मानें तो उत्तराखंड के पहाड़ों में हो रही बर्फबारी से मैदानी इलाके में तापमान गिरकर जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर रहा है। स्वेटर-जैकेट पहनने और कंबल, रजाई में रहने के बाद भी लोग कांप रहे हैं। सोमवार को न्यूनतम पांच डिग्री तापमान आने से लोग कांपे। दिन में हल्की सी धूप निकलने के बाद भी गलन से राहत नहीं मिली। इस कड़ाके की ठंड में एलकेजी से कक्षा पांच तक के छोटे बच्चे भी सुबह आठ बजे घरों से निकलकर स्कूल गए। उस समय हो रही गलन से बच्चों की सेहत खतरे में होने के बाद भी जिला प्रशासन की खामोशी खत्म नहीं हो रही है।

स्कूलों में ठंड के चलते विवेकाधिकार का प्रयोग कर न तो जिलाधिकारी ने अब तक शीतावकाश घोषित किया और न ही शिक्षाधिकारियों को राहत देने की याद। मीडिया रिपोर्ट्स में हर दिन ठंड से जनजीवन की परेशानी बयां करते तस्वीरों को देखकर थोड़ी संवेदना जगी तो शिक्षाधिकारियों ने कक्षा 12 तक के स्कूलों को 27 दिसंबर से सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक संचालित करने का आदेश सोमवार को जारी किया। जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अब इस समय से स्कूल संचालन न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आपदा विशेषज्ञ पंकज मिश्र ने बताया कि मंगलवार को ठंड और बढ़ेगी। सोमवार को न्यूनतम तापमान पांच और अधिकतम 21 डिग्री रहा। अभी इसमें और कमी से ठंड बढ़ेगी।

अलाव जलवाने में भी कंजूसी, सिर्फ 10 स्थान हैं चिह्नित
नगर निगम प्रशासन कड़ाके की ठंड में नगरीय क्षेत्र में निराश्रितों, बेसहारा की सुध लेने की केवल रस्म अदायगी कर रहा है। रैन बसेरों में कहीं ताला है तो कहीं बिस्तर कंबल तो है, लेकिन खिड़की दरवाजे टूटे होने से उसमें आ रही सर्द हवा से रात गुजारनी मुश्किल हो रही है। रैन बसेरे के आसपास अलाव जलवाने के लिए कहकर इतिश्री कर ली गई। लेकिन, जो दस स्थानों पर अलाव जलवाने को चिह्नित किए हैं वहां भी लकड़ी कम होने से आधी रात में ही आग बुझ जा रही है।

यह स्थान हैं चिह्नित
मंडलायुक्त व जिलाधिकारी कार्यालय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला पुरुष और जिला महिला अस्पताल, पीलीकोठी चौराहा सेल्फी प्वाइंट, रेलवे स्टेशन प्रथम और द्वितीय गेट, पुराना और नया रोडवेज स्थित अस्थायी आश्रय स्थल (शेल्टर होम) अलाव जलवाने के लिए चयनित किए गए हैं।

यह है ठंड से बचाव के उपाय
ठंड से बचाव के प्रशासनिक उपाय ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं। सिर्फ 4,444 कंबल से जिला प्रशासन जिले भर के निराश्रितों की ठंड दूर करने में लगा है। स्वयंसेवी संगठन भी रहम के लिए पूरी दरियादिली नहीं दिखा रहे हैं। केवल सुर्खियों में रहने के लिए कुछ जगह कंबल और लिहाफ बांटे गए हैं, लेकिन इसके बाद भी फुटपाथ पर जिंदगी ठिठुर रही है।

ठंड से जनमानस को बचाने के लिए 4000 कंबल तहसीलों के माध्यम से बंट रहे हैं। जहां तक सर्दी के चलते स्कूलों में अवकाश की बात है 1-15 जनवरी तक स्कूलों में पहले शीत अवकाश घोषित है। कई स्कूलों ने अपने स्तर पर अवकाश कर दिया है। मंगलवार से स्कूलों का समय 10-3 बजे कर दिया गया है। 19 रैन बसेरे सक्रिय हैं। अलाव जलवाने के स्थान बढ़ाने के लिए नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं। स्वयं भी रैन बसेरे का निरीक्षण कर व्यवस्था बेहतर बनवा रहा हूं। -शैलेंद्र कुमार सिंह, जिलाधिकारी

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