लखीमपुर-खीरी: घर के बाहर ही नहीं अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं बेटियां
लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। घर के बाहर ही नहीं अंदर भी बेटियां सुरक्षित नहीं है। हवस के भेड़िये कब और कहां उनकी अस्मत को नोचने आ धमके। यह डर अब हर मां-बाप को अंदर तक खाए जा रहा है। थाना खीरी क्षेत्र में चचेरे भाई की मासूम बहन के साथ की गई घिनौनी हरकत से हर कोई परेशान है। इस तरह की घटनाएं लोगों को अब किसी डरावने से कम नहीं लग रही हैं।
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पॉक्सो जैसे अधिनियम बनने के बाद भी दुस्सासी दरिंदे महिलाओं और मासूम बच्चियों की अस्मत पर वार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। थाना खीरी के एक गांव में पांच साल की बच्ची के साथ हुई घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया है। पीड़ित बच्ची के पिता ने बताया कि वह मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता है। बुधवार को वह गांव में बन रहे ओवरहैड से मजदूरी कर घर पहुंचा। उसके बाद ठंड अधिक होने के कारण जलाने के लिए गन्ने की सूखी पताई लेने चला गया था। जब वह वापस लौटा तो मां ने पुत्री के घर न आने की जानकारी दी, जिस पर उन्होंने पहले इधर-उधर तलाश की, लेकिन जब बच्ची नहीं मिली तो ग्राम प्रधान समेत अन्य ग्रामीणों को जानकारी दी।
बच्ची के गायब होने की सूचना मिलते ही पूरे गांव में सनसनी फैल गई। तमाम ग्रामीण भी बच्ची को तलाश करने में जुट गए। ग्राम प्रधान के घर के निकट लाही के खेत में बच्ची मिली तो उसकी हालत देख ग्रामीणों में जहां रोष व्याप्त हो गया। वहीं बेटियों की सुरक्षा को लेकर उनके जेहन में सवाल कौंधने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस घटना ने बेटियों की सुरक्षा को लेकर सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। घर से बाहर छोड़िए अब घर के अंदर भी बेटियां सुरक्षित नहीं रह गई हैं। ग्रामीणों और परिवार वालों ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है, जिससे दरिंदगी करने वाले लोगों को नसीहत मिल सके और कोई इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न जुटा सके।
डेढ़ महीने पहले ही जेल से छूटकर आया आरोपी
पीड़ित बच्ची के पिता ने बताया कि आरोपी पुनीत अपराधिक किस्म का है। इस वजह से वह और उसका परिवार आरोपी से कोई ताल्लुक नहीं रखता है। उन्होंने बताया कि आरोपी पुनीत अविवाहित है। डेढ़ साल पहले उसने गांव की ही एक महिला से दुष्कर्म किया था। महिला ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिस पर पुलिस ने गिरफ्तार कर पुनीत को जेल भेजा था। पुनीत करीब डेढ़ साल तक जेल में रहा। करीब एक महीने पहले ही वह जेल से छूटकर घर आया था।
पुलिस की निगरानी पर उठे सवाल
डीजीपी से लेकर एसपी स्तर पर पुलिस अधिकारी हिस्ट्रीशीटर, अभ्यस्त अपराधियों और शातिर अपराधियों की जेल से छूटने पर निगरानी करने और उनकी जमानत निरस्त कराने कर जेल भेजने को लेकर समय समय पर आदेश भी जारी करते हैं। अपराध समीक्षा बैठक में भी एसपी सभी थानेदारों को इसको लेकर जरूरी दिशा-निर्देश भी देते हैं, लेकिन यह सभी आदेश सिर्फ कागजों में ही सीमित हो जाते हैं। थाना खीरी क्षेत्र में पांच साल की बच्ची से दरिंदगी की घटना से यह बात साफ हो गई कि पुलिस जेल से छूटने वाले अभ्यस्त अपराधियों की निगरानी नहीं करती है। उनकी जमानत निरस्त कराने का भी कोई प्रयास नहीं करती है।
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