भवाली: कुमाऊं में आज मनाया जाएगा लोक पर्व घुघुती त्यौहार
भवाली, अमृत विचार। कुमाऊं में घुघुती पर्व आज धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। मकर संक्रांति या उत्तरायणी के दिन लोग सुबह तड़के नदियों में स्नान करने के बाद पकवान आदि बनाते है। ये पकवान मकर संक्रांति के दूसरे दिन कौवे को खिलाए जाते हैं। जो मुख्य रूप से गुड़, आटे और दालों को पीस कर बनाए जाते हैं।
वहीं यह पकवान दूसरे दिन छोटे बच्चों द्वारा कौवो को खिलाए जाते हैं। जिसमें बच्चे कौवो को काले कौवा काले घुघुति माला खा ले' पुकार कर बुलाते हैं। इसको लेकर बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिलता है। लोक पर्व घुघुती को लेकर बाजारों में भी रौनक देखने को मिली।
आज से होंगे मांगलिक कार्य
माघ माह शुरू होते ही खरमास भी खत्म हो जाएगा। यानी आज मांगलिक कार्य की शुरुआत होगी। साथ ही कुमाऊं में त्यौहार का सीजन भी शुरू हो जाएगा। 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक का समय कुमाऊं में काला महीने के रूप में माना जाता था, जिसमें कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है।
माघ माह में खिचड़ी का महत्त्व
आज से माघ माह भी शुरू हो गया है। इस महीने में खिचड़ी दान करने, बनाने के लिए खास माना जाता है। इस माह में मंदिरों, घरों और जरूरत मंद लोगों को खिचड़ी दान की जाती है।
मान्यता के अनुसार चावल को चंद्रमा, काली उड़द दाल को शनि और हरी सब्जियां बुध का प्रतीक होती हैं। बताया जाता है कि मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने, दान करने से कुंडली में ग्रहों की स्थिती मजबूत होती है। इसलिए चावल, काली दाल, नमक, हल्दी, मटर और सब्जियां डालकर खिचड़ी बनाई और दान की जाती है।
