Joshimath Crisis: जोशीमठ में अभी खतरा बरकरार, और भी आएंगी दरारें- डिजास्टर टीम ने दी चेतावनी

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Published By Shobhit Singh
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जोशीमठ, अमृत विचार। उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धसांव के चलते यहां के लोग दहशत में हैं। किसी भी अनहोनी से निपटने को लेकर एनडीआरफ की टीमें पूरी तरह तैनात हैं। इस बीच, उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत सिन्हा ने जोशीमठ को लेकर सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

उन्होंने ताजा अपडेट देते हुए बताया कि पानी के रिसाव में कमी आई है। 163 एलपीएम ही पानी का रिसाव हुआ है। साथ ही उन्होंने कहा कि जोशीमठ में अभी खतरा टला नहीं है। आगे चल कर और भी दरारें आएंगी। अभी तक 800 लोगों को सुरक्षित शिफ्ट किया गया है। 190 परिवारों को अब तक 1.50 लाख रुपये दिए गए हैं।

रंजीत सिन्हा ने बताया कि NGMI ने दो प्रोफाइल पूर्ण कर लिए हैं। इस सर्वे से जमीन के अंदर पानी के रिसाव का पता चलेगा। भवनों में दरारें आने की संख्या में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है।

उन्होंने बताया कि रोपवे को लेकर एक इंजीनियर नियुक्त किया गया है, जो वहां पर निगरानी करेगा। जेपी कंपनी के कई भवनों में दरारें आ चुकी हैं। इसको लेकर जिला अधिकारी कंपनी प्रबंधन से बातचीत करेंगे।

मीडिया से बात करते हुए सिन्हा ने कहा कि कई जगहो पर क्रेको मीटर लगाए गए हैं, जो दरारों के पैटर्न पर अध्ययन करेंगे। कोटि कॉलोनी, उद्यान विभाग की जमीन, पीपलकोटी, ढाल की जमीन सुरक्षित पाई गई हैं। इन्हीं जगहों पर अस्थाई आवास बनाया जाएगा।

घरों का सर्वे होने के बाद उसी तर्ज पर विस्थापितों को अस्थाई आवास दिए जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जोशीमठ को फिर से सुंदर और आकर्षक बनाया जाएगा। सरकार और शासन इसके लिए संकल्पवद हैं। 

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