पीलीभीत: नकल पकड़ी गई तो केंद्र व्यवस्थापक और सहायक केंद्र व्यवस्थापक की होगी जिम्मेदारी
पीलीभीत, अमृत विचार। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं को नकल विहीन संपन्न कराने के लिए केंद्र व्यवस्थापकों को जिम्मेदारी दी गई है। उनका सहयोग अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक/पर्यवेक्षक करेंगे। किसी भी परीक्षा केंद्र पर सामूहिक नकल पकड़ी जाएगी तो पहले केंद्र व्यवस्थापक फिर उनके सहयोगी अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक/पर्यवेक्षक जिम्मेदार होंगे। इसलिए बैठक में साफ तौर पर सभी केंद्र व्यवस्थापकों को सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। ताकि कोई गड़बड़ी न होने पाए।
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जिले में यूपी बोर्ड की परीक्षा 16 फरवरी से कराई जा रही है। इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस बार बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में कुल 46 हजार 75 परीक्षार्थी शामिल होंगे। हालांकि पिछले साल के सापेक्ष 5907 परीक्षार्थी बढ़ गए हैं। इन केंद्रों पर हाईस्कूल के 24 हजार, 949 और इंटरमीडिएट के 21 हजार 949 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। इसको देखते हुए परीक्षा केंद्र की संख्या 85 कर दी गई है। परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए सोमवार को वीरागंना अवंती बाई बालिका इंटर कालेज में केंद्र व्यवस्थापकों की बैठक बुलाई गई है। जिसमें समस्त केंद्र व्यवस्थापक मौजूद रहे।
बैठक की अध्यक्षता डीआईओएस गिरजेश कुमार, ड्रमंड कालेज के प्रधानाचार्य संतोष कुमार ने की। बैठक में समस्त केंद्र व्यवस्थापकों को निर्देश दिए गए कि परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले केंद्र व्यवस्थापक केंद्र पर पहुंचना सुनिश्चित करें। साथ ही प्रश्न पत्र को डबल लॉक अलमारी में रखने के निर्देश दिए। डबल लॉक की चाभी केंद्र व्यवस्थापक के पास बाह्य अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक के पास एक चाभी और एक चाभी सील करके स्टेटिक मजिस्ट्रेट के पास रखी जाएगी। साथ ही परीक्षा केंद्र पर पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति, जनरेटर, इनवर्टर की व्यवस्था प्रश्नपत्रों एवं उत्तर पुस्तिकाओं तथा स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।
साथ ही प्रश्न पत्रों को सीसीटीवी कैमरे वॉयस रिकॉर्डिंग के साथ लगवाने के निर्देश दिए। परीक्षा के दौरान समस्त परीक्षार्थियों की सघन तलाशी के उपरांत ही प्रवेश कराने की नियमित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बालिका परीक्षार्थियों की तलाशी केवल महिला अध्यापिकाओं द्वारा ही कराई जाए। परीक्षार्थियों का सीट प्लान के हिसाब से ही बैठा जाए। प्रश्न पत्र को वायस रिकार्डर युक्त सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में खोले जाने के निर्देश दिए। ताकि प्रश्नपत्रों की गोपनीयता भंग न हो सके।
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