Kanpur जेल का कारगार राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने किया निरीक्षण, बंदियों से बोले- कोई भी काम करने से पहले जरूर सोचे

Amrit Vichar Network
Published By Kanpur Digital
On

कानपुर जिला जेल का कारगार राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने किया निरीक्षण।

कानपुर जिला जेल का कारगार राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने निरीक्षण किया। इस दौरान बंदियों से बातचीत कर उन्होंने कहा कि कोई भी काम करने से पहले सोचे जरूर। साथ ही पांच बंदी को भी रिहा किया।

कानपुर, अमृत विचार। सोमवार को कारागार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति जिला जेल पहुंचे। इस दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मृति पटल पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद कारागार के अन्दर मुलाकात स्थल पर बंदियों और उनके परिजनों से बातचीत की।

इसके बाद उन्होंने महिला बैरक का निरीक्षण किया और महिला बंदियों से संवाद किया। महिला बंदियों के साथ रह रहे बच्चों को कपड़े और खिलौने आदि भेंट किए। महिला बंदियों को शॉल का वितरित किया। बंदियों के बच्चों के मनोरंजन के लिए बनाए गए पार्क का अवलोकन किया। इसके बाद कारागार के चक्र में बंदियों के साथ संवाद किया। 

कारागार मंत्री द्वारा बंदियों को प्रेरित किया गया कि वे सदैव ऐसा आचरण अपनाए ताकि एक बार जेल से रिहा होने के बाद भविष्य में उनको दुबारा कभी जेल न आना पड़े। मंत्री की बातों का बंदियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। बंदियों से संवाद करते हुए जेल मंत्री ने उन्हें समझाया कि कारागार में किसी बंदी के निरूद्ध होने पर इसका सबसे ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव उसके परिजनों पर पड़ता है।

परिजनों को जिस समय अपने बेटे से कुछ सहारे की उम्मीद होती है, उस समय उसके जेल चले जाने पर परिजनों को अपने जीवन निर्वाह की व्यवस्था करने के साथ-साथ अपने बेटे की जमानत कराने की भी जिम्मेदारी आ जाती है। जेल मंत्री ने बंदियों से यह भी कहा कि कोई भी कार्य करने से पहले हमेशा अपने परिजनों के बारे में भी सोचते रहना चाहिये ताकि उन्हें समस्याओं का सामना न करना पड़े।

उन्होंने जेल में बंद कैदियों की सुविधा के लिए शहर के समाजसेवी संस्थाओं के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि समय-समय पर वह लोग बंदियों के लिए किसी न किसी प्रकार से मदद करते रहते हैं। इस अवसर पर विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं आइडियल कानपुर एसोसिएशन, नानक वेलफेयर सोसाइटी तथा ह्यूमन फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध कराए गए 1500 कंबल बंदियों को वितरित किए गए।

समाजसेवी संस्था एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, एनजीओ लखनऊ की प्रतिनिधि मीना सोनी द्वारा मूल सजा समाप्त हो जाने के बाद केवल अर्थदंड की सजा काट रहे बंदियों के अर्थदंड की 9350 रुपये धनराशि कोषागार में जमा कराई।

इसके बाद 05 बंदियों को भी कारागार मंत्री की उपस्थिति में कारागार से रिहा किया गया। रिहा होने पर बंदियों ने कारागार मंत्री से भविष्य में दुबारा अपराध न करने का वचन दिया। इस मौके पर जेल अधीक्षक बीडी पांडेय मौजूद रहे।

संबंधित समाचार