Kanpur Zoo के लॉयन सफारी में हैरान कर रहा ग्रे हेरॉन, दर्शक शिकार का अंदाज देख हो रहे रोमांचित
कानपुर जू में ग्रे हेरॉन का शिकार देख दर्शक रोमांचित हो रहे।
कानपुर प्राणी उद्यान के लॉयन सफारी में ग्रे हेरॉन सबको हैरान कर रहा। दर्शक उसके शिकार करने के अंदाज को देख रोमांचित हो रहे। पहले घायल करता और फिर उछालकर शान से निगल जाता।
कानपुर, अमृत विचार। वो देखो पापा… बगुला कैसे मछली उछाल रहा है। देखो उसने चोंच से ही उसे कैंच कर लिया। वह गुलाबी रंग का सारस कितना प्यारा लग रहा है। विदेशी बगुलों और सारस के इस अंदाज को देख 12 साल की जिज्ञासा और दस साल के प्रेरित के साथ ही अन्य बच्चे भी खूब आकर्षित हुए। प्राकृतिक झील में शिकार करते और ऊपर उड़ते व पेड़ों पर बैठे पक्षियों के कलरव को सुन बच्चे खूब रोमांचित हो रहे थे।
चिड़ियाघर के जंगल सफारी में शुक्रवार को दस दर्शक पहुंचे थे। दर्शकों की संख्या भले ही बहुत ज्यादा न हुई हो, लेकिन जो भी घूमने आ रहा है खूब रोमाचिंत हो रहा है। सफारी में झील के पास एक दर्जन से ज्यादा विदेशी पक्षियों का डेरा है। प्रजनन काल में ये पक्षी एशिया, यरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका व भारत के दक्षिण इलाकों से आए हैं।
इसमें अपनी शिकारी कला से हैरान कर देने वाला ग्रे हेरान बच्चों को खूब पसंद आ रहा है। इस पक्षी के शिकार करने का अंदाज बिल्कुल अलग है। यह पहले पानी के अंदर से मछली को बाहर लाता है। इसके बाद चोंच मार कर उसे घायल कर देता है और फिर हवा में उछालकर उसे निगल जाता है।
केवल ग्रे हेरान ही नहीं रंग बिरंगे सारस जिन्हें पेंटेड स्टॉर्क भी कहा जाता है, वह भी अपनी लंबी चोंच और पतली टांग व नारंगी व गुलाबी रंग होने की वजह से दर्शकों को लुभा रहे हैं। विदेशी व दक्षिण क्षेत्रों में रहने वाले ये पक्षी इन दिनों जंगल सफारी में कोतुहल बने हैं। सफारी घूमने परिवार संग आ रहे बच्चे भी इन्हें देख खूब उत्साहित हो रहे हैं।
ये पक्षी, जंतु भी बेहद हैरतअंगेज
सफारी में काले रंग के छोटी टांगे और लंबी चोंच वाले जलकाक (कॉरमॉरैंट), छोटी सिल्ही (व्हीस लग टील), लाल अंजन (परपल हेरॉन), लंबे लाल पैर, सफेद पेट और जेट-ब्लैक विंग्स वाला ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट्स, लंबी गर्दन वाली जलपक्षी प्रजाति का ओरिएंटल डार्टर, स्ट्रिएटेड हेरॉन, ऑरियेंटल डॉर्टर, नाइट हेरॉन और सरीसृपों में मगरमच्छ, फ्लैप शेल टर्टल, बड़ा अजगर, रैट स्नैक, मॉनिटर लिजार्ड, स्तनधारी जंतुओं में साही (परक्यूपाइन), कस्तूरी बिलाव (सीवेट कैट) आदि रोमांचित करने वाले जीव हैं।
रोमांच भर देता है एक घंटे का जंगल का रास्ता
करीब नौ सौ मीटर का पत्थर का रास्ता जंगल के बीच से निकलता है एक और गेट से दूसरे गेट पर आपको लेकर जाता है। करीब दो घंटे का इस रास्ते के दौरान झील पर मंडराते व शिकार खोजते पक्षियों को देखने के लिए तीन वॉच टावर मिलेंगे, जहां आप दो गाइड के पास मौजूद दूरबीन से पक्षियों को देख सकते हैं। रास्ते में आपको धूप सेंकते सरीसृपों में अजग, गो, सांप दिख सकते हैं। साही द्वारा जड़ के लिए जगह जगह खोदे हुए गड्ढे, सीवेट कैट की शिकारी हरकत और अजगर की वजह से मिट्टी पर जगह जगह बने निशान भी जिज्ञासा के साथ साफ रोमांच बढ़ाते हैं।
पिकनिक भी मना सकते हैं यहां
रेजर ऑफिसर नवेद इकराम ने बताया कि प्रकृति विशेषज्ञ के रूप में जंगल सफरी में दो गाइड हैं। अविरल पॉल (8707294980) व ऋषभ पांडेय (9899493155) जिनके गाइड से दर्शक जंगल व जीवों के बारे में जान सकते हैं। जन्मदिन या कोई भी विशेष अवसर को देखते हुए जंगल में पिकनिक मनाने का भी उन्हें अवसर दिया जाता है। इसके लिए दोनों गाइड से संपर्क किया जा सकता है। शुक्रवार को दस दर्शक सफारी पहुंचे थे।
फिर भी क्यों नहीं बढ़ रहे दर्शक
वजह-1
समूह की शर्त- चिड़ियाघर घूमने आए रावतपुर के प्रकाश कुमार अपनी छोटी बहन रितिका और भाई शुभम जंगल सफारी भी घुमाना चाहते थे। उन्होंने बताया कि वह तीन थे, लेकिन अंदर प्रवेश के लिए कम से कम दस का होना जरूरी था। काफी कहने के बाद भी प्रवेश नहीं मिला और फिर चिड़ियाघर घूमर वापस होना पड़ा।
वजह-2
सौ रुपये टिकट- जंगल सफारी घूमने के लिए 100 रुपये का टिकट है। कई लोग इसे महंगा मान रहे हैं। चिड़ियाघर घूमने अपने परिवार के साथ आए किदवई नगर के राम दीक्षित ने बताया कि सफारी में सौ रुपये का टिकट ज्यादा है। समूह के साथ जाना है तो परिवार के और सदस्यों को भी लाना होता है। यह खर्च एक हजार पर पहुंच जाता है। इसे कम किया जाना चाहिए।
